बेंगलुरु : विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिनों का समय बचा हुआ है. राजनीतिक पंडित बता रहे है कि दो पार्टियों के बीच मुख्य मुकाबला है. विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला BJP और कांग्रेस के बीच है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के बीच मुकाबला है. वहीं कुछ लोग बता रहे […]
बेंगलुरु : विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिनों का समय बचा हुआ है. राजनीतिक पंडित बता रहे है कि दो पार्टियों के बीच मुख्य मुकाबला है. विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला BJP और कांग्रेस के बीच है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के बीच मुकाबला है. वहीं कुछ लोग बता रहे है कि सीमवर्ती जिलों में एमईएस का भी प्रभाव है.
कर्नाटक में बेंगलुरु शहरी बड़ी विधानसभा है उसके बाद बेलगावी है. बेलगावी सीट पर लिंगायत समुदाय के स्थानीय मुद्दे हावी है. वहीं महाराष्ट्र एकीकरण समिति का सीमावर्ती जिलों में प्रभाव है.सीमावर्ती क्षेत्र में 18 विधानसभा आते है जिसपर एमएसई का प्रभाव है. इन सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है और बीजेपी को गढ़ माना जाता है.
इस इलाके में नाथ संप्रदाय की संख्या ज्यादा हैं इसको देखते बीजेपी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए उतार सकता है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और इस इलाके के बड़े नेता माने जाते है लेकिन वे काफी दिन से खामोश है. ये इलाका नाथ संप्रदाय के गढ़ माना जाता है यहां पर मंगलुरू का कदाली मठ है. इस इलाके में कांग्रेस को कुछ ज्यादा अब तक सफलता नहीं मिली है.
लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से येदियुरप्पा अलग हो गए थे तब बीजेपी को नुकसान हो गया था और कांग्रेस ने बढ़िया प्रदर्शन किया था. इस क्षेत्र में 19 सीटें है और 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 14 सीटों पर दर्ज की थी. वहीं बीजेपी ने 4 और अन्य के खाते में 1 सीट गई थी. लेकिन जब येदियुरप्पा बीजेपी में वापस लौटे तो फिर से बीजेपी ने यहां पर कमाल कर दिया.
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा. राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी. जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई. जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.
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