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तीन तिगाड़ा, काम बिगाड़ा: तीसरी बार सीएम बने तो तीसरे दिन ही निपट गए येदियुरप्पा

कर्नाटक में येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार तीन दिन के अंदर गिर गई. ऐसे में अब कहा जा रहा है. बता दें कि येदियुरप्पा तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. ऐसे में कहा जा रहा है कि येदियुरप्पा के लिए 3 नंबर बड़ा ही अनलकी साबित हो रहा है.

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karnataka: Number 3 proved unlucky for bs yeddyurappa as his third term as cm fell on third day
  • May 19, 2018 8:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही राज्य के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया है. मात्र 3 तीन दिन में ही येदियुरप्पा की सरकार गिर गई. इसके बाद अब यह कहा जा रहा है कि येदिरप्पा के लिए तीन तिगाड़ा और काम बिगाड़ा जैसा हो गया. वो इसलिए क्योंकि येदियुरप्पा ने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और इसके ठीक तीसरे दिन उनकी सरकार गिर गई. साथ ही एक और दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस के 78 और जेडीएस के 37 के अलावा दो निर्दलीय और एक बीएसपी यानि कुल 3 विधायक और थे. बता दें कि हिंदु समाज में पहले ही तीन को काफी अशुभ माना जाता है.

बताते चलें कि येदियुरप्पा इससे पहले दो बार राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन वे दोनों ही बार अपना कार्य़काल पूरा नहीं कर सके और आज उनकी सरकार गिरने पर ये तीसरी बार हुआ है. पहली बार येदियुरप्पा ने 12 नवम्बर 2007 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन उन्हें 19 नवम्बर 2007 को पद छोड़ना पड़ा (7 दिन का कार्य़काल). इसके बाद 30 मई 2008 को वे फिर से मुख्यमंत्री बने और 31 जुलाई 2011 को पद छोड़ दिया यानि तीन साल कार्यकाल पूरा किया और आज फिर से उन्हें 17 मई 2018 को शपथ लेकर 19 मई 2018 को पद छोड़ना पड़ा यानि इस बार वे सिर्फ तीन दिन के मुख्यमंत्री रह सके.

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा के नतीजों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण सरकार बनने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के साथ बहुमत की सरकार बनाने को लेकर राज्यपाल के पास पहुंचे लेकिन राज्यपाल वजूभाई वाला ने प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाम पर बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया था. इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने देर रात सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने येदियुरप्पा को शपथ की अनुमति देकर 15 दिन में बहुमत साबित करने को कहा था.  जिसके बाद कांग्रेस और जेडीएस द्वारा हंगामा किए जाने पर बीजेपी को शनिवार को ही बहुमत साबित करने के लिए कहा गया. लेकिन शनिवार को येदियुरप्पा ने फ्लोट टेस्ट से पहले ही भाषण देकर अपना इस्तीफा दे दिया.

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