बिहार में 2015 के चुनाव में जिस तरह पटाखे जलाने और मिठाई खाने के बाद बीजेपी की जीत हार में बदल गई थी उसी से मिलता-जुलता हादसा बीजेपी के साथ इस बार कर्नाटक में हो गया है. सुबह 120 सीटों की बढ़त तक जाकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाती दिख रही बीजेपी 104 सीटों पर रुकती दिख रही है जो बहुमत से 8 सीट पीछे है. 222 सीटों के चुनाव हुए हैं इसलिए बहुमत 112 सीट का है और कांग्रेस, जेडीएस और बीएसपी को छोड़कर मात्र 2 विधायक बचते हैं जिन्हें साथ लाकर भी बीजेपी बहुमत से 6 सीट पीछे छूट रही है.
बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे आ चुके हैं. राज्य में भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों पर जीत या बढ़त के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. लेकिन पूर्ण बहुमत से 8 सीट पीछे छूटती दिख रही बीजेपी के लिए कर्नाटक के नतीजे बिहार विधानसभा के 2015 के चुनाव जैसे हो गए. बिहार में तब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पटना से लेकर दिल्ली तक पटाखे जलाए थे और मिठाइयां भी खा-खिला ली थीं लेकिन फिर नतीजा पलटकर लालू यादव और नीतीश कुमार के महागठबंधन के पक्ष में चला गया.
कर्नाटक में भी 120 सीटों तक बढ़त के साथ सरकार बनाती दिख रही बीजेपी का स्कोरकार्ड जब चढ़ रहा था तो बीजेपी कार्यकर्ता पटाखे जला रहे थे, मिठाइयां बांट रहे थे और फिर दोपहर में बीजेपी की बढ़त सिमटकर 105-106 सीटों पर घूमने लगी जो ये समाचार लिखे जाने तक 104 पर अटकी है. एक समय अकेले अपने दम पर और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की हालत में दिख रही बीजेपी के सीएम कैंडिडेट बीएस येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मिलकर सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और राज्यपाल से बहुमत साबित करने के लिए 7 दिन का वक्त मांगा है.
उनके बाद 38 सीट पर जीत या बढ़त वाली पार्टी जेडीएस के सीएम कैंडिडेट एचडी कुमारस्वामी भी राज्यपाल से मिल रहे हैं जिन्हें 78 सीटों पर जीत या बढ़त लेकर चल रही कांग्रेस ने सीएम बनाने और सरकार बनाने का न्योता दिया है. प्रत्यक्ष राजनीतिक गणित से बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और अगर राज्यपाल उसे सरकार बनाने का मौका दे देते हैं तो जाहिर तौर पर कांग्रेस या जेडीएस को तोड़ने के बाद ही बहुमत साबित हो पाएगा. बीजेपी के सीएम कैंडिडेट येदियुरप्पा ने अपने इरादे भी जाहिर कर दिए हैं जब उन्होंने राज्यपाल से मिलने से पहले मीडिया से कहा कि कर्नाटक में 100 परसेंट सरकार तो बीजेपी की ही बनेगी.
जाहिर है कर्नाटक की राजनीति में चुनाव और वोटिंग खत्म हो गया है लेकिन अब विधायकों की खरीद-फरोख्त का खेल शुरू होगा क्योंकि बीजेपी को सरकार बनाने के बाद उसे बचाने के लिए 8 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. 1 छोटी पार्टी और 1 निर्दलीय अगर उसके साथ हो जाएं तो भी 6 विधायक उसे चाहिए होंगे जिसके लिए या तो उसे जेडीएस या कांग्रेस में तोड़-फोड़ करनी होगी.
दलबदल कानून के दायरे में रहकर बहुमत जुटाने के लिए बीजेपी को कांग्रेस या जेडीएस के एक तिहाई विधायकों को अपने पाले में करना होगा जो बहुत आसान काम नहीं है. बीजेपी को कांग्रेस के विधायक तोड़ने के लिए कम से कम 26 विधायक पटाने पड़ेंगे जबकि जेडीएस को तोड़ने के लिए 13 एमएलए को अपने साथ लाना होगा. राज्यपाल क्या करेंगे, किसे सरकार बनाने का न्योता देंगे, कर्नाटक की राजनीति और बेंगलुरू में हलचल, उस पर निर्भर करती है.
Union Ministers Ravi Shankar Prasad and Nirmala Sitharaman celebrate at party headquarters in Delhi #KarnatakaElectionResults pic.twitter.com/ZLsHco9eR2
— ANI (@ANI) May 15, 2018
BJP workers celebrate outside party office in #Delhi as trends show the party is set to win #KarnatakaElectionResults2018. pic.twitter.com/uOznAJ6A7E
— ANI (@ANI) May 15, 2018
BJP workers celebrate outside party office in #Bengaluru as trends show the party leading. #KarnatakaElectionResults2018 pic.twitter.com/utBwcXwBme
— ANI (@ANI) May 15, 2018
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