UPSC wants Govt Remove Mandatory Aptitude Test: यूपीएससी ने दिया प्रस्ताव, सिविल सर्विस एग्जाम से सीसैट खत्म करे सरकार

UPSC wants Govt Remove Mandatory Aptitude Test: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)चाहता है कि सरकार सिविल सर्विसेज एग्जाम में होने वाले एप्टीट्यूड टेस्ट को खत्म कर दें. कार्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की ओर से जारी विजन डॉक्यूमेंट के मुताबिक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सरकार को सिविल सर्विसेज एग्जाम से सीसैट या सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट हटाने का प्रस्ताव दिया है और इसकी जगह नई प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. स टेस्ट में उम्मीदवार की कॉम्प्रिहेंशन, कम्यूनिकेशन और निर्णय लेना की क्षमता का आकलन किया जाचा है. इस एप्टीट्यूड टेस्ट को सीसैट के नाम से भी जान जाता है.

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UPSC wants Govt Remove Mandatory Aptitude Test: यूपीएससी ने दिया प्रस्ताव, सिविल सर्विस एग्जाम से सीसैट खत्म करे सरकार

Aanchal Pandey

  • July 8, 2019 2:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. UPSC wants Govt Remove Mandatory Aptitude Test: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की ओर से हर साल कराए जाने वाले सिविल सर्विसेज एग्जाम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल खबर यह है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)चाहता है कि सरकार सिविल सर्विसेज एग्जाम में होने वाले एप्टीट्यूड टेस्ट को खत्म कर दें. बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा देने वाले उम्मीदवार के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट पास करना जरूरी होता है. इस टेस्ट में उम्मीदवार की कॉम्प्रिहेंशन, कम्यूनिकेशन और निर्णय लेना की क्षमता का आकलन किया जाता है. इस एप्टीट्यूड टेस्ट को सीसैट के नाम से भी जाना जाता है.

कार्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की ओर से जारी विजन डॉक्यूमेंट के मुताबिक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सरकार को सिविल सर्विसेज एग्जाम से सीसैट या सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट हटाने का प्रस्ताव दिया है और इसकी जगह नई प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. बता दें कि यूपीएससी की ओर से कराई जाने वाली सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट परीक्षा काफी विवादों में रही है. हिंदी मीडियम के छात्र यूपीएससी पर भेदभाव करने का आरोप लगाते रहे हैं. अगर सरकार सीसैट को हटा देती है तो हिंदी मीडियम के उम्मीदवारों के लिए इसे बड़ी जीत माना जाएगा.

सिविल सर्विसेज एग्जाम में सीसैट को साल 2011 में शुरू किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हिंदी मीडियम के उम्मीदवारों ने इसके खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था. हिंदी मीडियम के उम्मीदवारों का इसके पीछे तर्क था कि अंग्रेजी, गणित और विज्ञान वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा में फायदा पहुंचाने के लिए सीसैट को पेपर 2 के रूप में शामिल किया गया है. हालांकि यूपीएससी के सचिव राकेश गुप्ता ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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सीसैट को लेकर क्यों हैं विवाद

सिविल सेवा परीक्षा प्रीलिम्स एग्जाम के पहले पेपर में करेंट अफेयर्स, इतिहास, अर्थशास्त्र, पर्यावरण जैसे विषयों से जुड़े प्रश्न पूछें जाते हैं. वहीं दूसरे पेपर यानी सीसैट में उम्मीदवारों की कॉम्प्रिहेंशन, निर्णय लेने की क्षमता, रिजनिंग और गणित की जानकारी का आकलन किया जाता है. सीसैट को लेकर इतना विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे मेरिट लिस्ट में जगह बनाने में नुकसान हो रहा है. सीसैट एक क्वालीफाइंग पेपर है. सिर्फ पहले पेपर के आधार पर उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है. सीसैट क्वालीफाई करने के लिए उम्मीदवार को 33 फीसदी नंबर लाना जरूरी होता है. साल 2011 से 2015 के बीच सिविल सेवा परीक्षा देने वाले उम्मीदवार अभी भी विरोध कर रहे हैं उनकी मांग है कि सरकार सीसैट को हटाकर पहले वाली व्यवस्था को लागू करे.

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