नई दिल्ली. क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करना थोड़ा जोखिम भरा है. हालांकि आरबीआई अब इससे और सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रही है. अभी तक डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने के समय लोग किसी भी डिवाइस या ई-कॉमर्स साइट पर अपना डाटा सेव नहीं करते हैं. लेकिन आरबीआई अब इससे बचने का तरीका निकाल रही है. आरबीआई अब डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने के लिए कार्ड के सही नंबर की जगह 16 अंकों का टोकन नंबर जारी करेगी. ये टोकन नंबर बैंक ही जारी करेंगे.
कार्ड के ओरिजनल नंबर की जगह इस टोकन नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा. इस टोकन के इस्तेमाल से बैंक कर्मचारियों को भी कार्ड का असली नंबर नहीं पता चल पाएगा. हर बार कार्ड से की गई पेमेंट के साथ ही एक नया 16 अंकों का टोकन नंबर आएगा. यही टोकन का सबसे मुख्य फीचर होगा. इस टोकन सिस्टम से ई कॉमर्स के जरिए बैंक का डाटा शेयर होने का जोखिम बेहद कम हो जाएगा.
बताया गया कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर डाटा हैक होने का सबसे ज्यादा जोखिम अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को होता है. खासतौर पर थाइलैंड में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है. थाइलैंड में कार्ड स्कीमिंग सिंडिकेट्स बेहद सक्रिय हैं. कार्ड स्कीमिंग का मतलब है कि कार्ड का डुप्लीकेट बना दिया जाता है और बाद में इससे बड़ी रकम निकाल ली जाती है. कार्ड स्कीमिंग वाले सबसे ज्यादा पब्स और रेस्त्रां में सक्रिय होते हैं. इसके अलावा कई ई कॉमर्स साइट के जरिए भी कार्ड हैक कर लिया जाता है. कई अंतरराष्ट्रीय ई कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट भारतीय वेबसाइटों की तरह टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य नहीं करती हैं.
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