Teacher’s day 2021 : चेचक ने छीन ली आँखों की रौशनी, अब दूसरों के जीवन का प्रकाश बन रहे हैं मुरितराम

Teacher's day 2021 : अन्तराष्ट्रीय शिक्षक दिवस (इंटरनेशनल टीचर्स डे) की करें तो यह विश्व भर में 5 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है, और इसको सेलिब्रेट करने की घोषणा साल 1994 को यूनेस्को ने की थी, हालाँकि भारत में इसे 5 सितंबर को ही मनाया जाता है. इसके पीछे का कारण यह है कि इस दिन महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है. इनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था. तभी से इनकी याद में इस दिन को हम सभी शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) के रूप में सिलेब्रेट करते हैं.

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Teacher’s day 2021 : चेचक ने छीन ली आँखों की रौशनी, अब दूसरों के जीवन का प्रकाश बन रहे हैं मुरितराम

Aanchal Pandey

  • September 4, 2021 10:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Teacher’s day 2021

कल यानि 5 सितम्बर को पूरा देश एक बार फिर शिक्षक दिवस ( Teacher’s Day 2021 ) मानाने जा रहा है. न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में शिक्षक दिवस को महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाता है. क्योंकि यह गुरू के सम्मान में मनाया जाने वाला दिन है, जिसे किसी फेसटिवल की तरह ही सेलिब्रेट किया जाता है. लेकिन बात अन्तराष्ट्रीय शिक्षक दिवस (इंटरनेशनल टीचर्स डे) की करें तो यह विश्व भर में 5 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है, और इसको सेलिब्रेट करने की घोषणा साल 1994 को यूनेस्को ने की थी, हालाँकि भारत में इसे 5 सितंबर को ही मनाया जाता है. इसके पीछे का कारण यह है कि इस दिन महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है. इनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था. तभी से इनकी याद में इस दिन को हम सभी शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) के रूप में सिलेब्रेट करते हैं.

दूसरों की जीवन का प्रकाश बने हैं मुरितराम

बचपन में चेचक से अपनी दोनों आंखें गंवाने वाले मुरितराम के ज़ज़्बे को आज हर कोई सलाम कर रहा है. एक ऐसा शख्स जिसने शिक्षा पाने की ठानी. जी-तोड़ मेहनत और परेशानी के बाद खुद को इस काबिल बनाया कि वह दूसरों को शिक्षा दे सके. ऐसे ही हैं मुरितराम जिन्होंने खुद को शिक्षित कर अब दूसरों के जीवन में प्रकाश लाने कली ठानी है और आज वह ज़रूरतमंदों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवा रहे हैं. उनका मानना है की उन्होंने अपने आँखों की रौशनी खोने की वजह से और आर्थिक रूप से कमजोर होने से जिन समस्याओं का सामना किया वह और किसी को न करनी पड़े. इसके चलते वह नि:शुल्क शिक्षा दान दे रहे हैं.

निःशुल्क शिक्षा से बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बना रहे हैं मुरितराम

दोनों आंखों से दिव्यांग बिलासपुर के शिक्षक मुरितराम कश्यप शिक्षा का संचार करने के लिए आसपास के बच्चों को फ्री में ट्यूशन दे रहे हैं. जिससे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे अपनी शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य से न चूंक पाएं. मुरितराम ने छह साल की उम्र में ही चेचक के चलते अपनी दोनों आँखें खो दी थी जिसके बाद उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब वे एक शिक्षक हैं और सैंकड़ों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिदिन निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं.

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