ऩई दिल्लीः एसी चौका देने वाली घटनाएं अक्सर अंतरिक्ष में ही देखने को मिलती हैं। अमेरिकी के अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैमरे में कैद हुई दो विशाल ग्रहों के टक्कर के परिणाम की घटना। वैज्ञानिकों ने अनुसार इस घटना को धरती से करीब 3,600 प्रकाश वर्ष दूर रिकॅार्ड किया है। नासा ने बताया कि इस […]
ऩई दिल्लीः एसी चौका देने वाली घटनाएं अक्सर अंतरिक्ष में ही देखने को मिलती हैं। अमेरिकी के अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैमरे में कैद हुई दो विशाल ग्रहों के टक्कर के परिणाम की घटना। वैज्ञानिकों ने अनुसार इस घटना को धरती से करीब 3,600 प्रकाश वर्ष दूर रिकॅार्ड किया है। नासा ने बताया कि इस घटना को कैमरे में कैद करने के लिए उन्होंने नासा के द्वारा डिजाइन किए गए अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल किया। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस महत्वपूर्ण खोज में दो विशाल बर्फीले ग्रहों के बारे में पता लगाया है। इसका नतीजा वाष्पीकृत चट्टान और पानी का एक विशिष्ट गोल आकार का बादल बन गया। एक रिपोर्ट के मुताबीक कहा गया है कि यह बेहद महत्वपूर्ण अवसर देता है यह घटना वास्तविक समय में एक दुनिया के जन्म को देखने तथा ग्रह निर्माण के रहस्यों को अच्छे से जानने के लिए ।
खगोल के विज्ञानों कहना है किसी की जिज्ञासा के संतुष्टि के लिए ASASSN-21 qj नामक तारे का बहुत अजीब ही व्यवहार का अध्ययन करना शुरू हो गया है। तारा धरती से तकरीब़न 3,600 प्रकाश-वर्ष दूर है, जिसने एक अनोखा करतब दिखाया है। इससे पुरे दुनिया भर के वैज्ञानिकों की भी रुचि जागी। खगोल के विज्ञानों कहना है कि दो साल तक इस ASASSN-21 qj तारे का अध्ययन किया था। इसकी सभी जानकारी को इकट्ठा तथा उसपे अध्यन किया औह यह भी पता लगाया कि समय के साथ साथ इस चमक का विकास कैसे हुआ था।
जानकारी के मुताबीक , लीडेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और अध्ययन के सह-प्रमुख मैथ्यू केनवर्थी द्वारा इस अचानक किए गए खोज के बारे में जानकारी दी गयी है। उनका यह कहना है कि एक खगोल के विज्ञानी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि ऑप्टिकल फेडिंग से एक हजार दिन पहले तारा इन्फ्रारेड के रूप में चमक रहा था। इसी बात पर उन्होंने कहा कि तब मुझे एक असामान्य घटना के बारे में जानकारी थी। तथा उनका कहना था कि सच बताऊं तो यह अनुभव मेरे लिए बहुत चौंका देने वाला था।