दिल्ली । दिल्ली के संस्कृत विश्वविद्यालयों (Delhi Sanskrit Universities) में जल्द ही पढ़ाई का ताना-बाना बदला जा सकता है. इस संस्कृत विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के पारंपरिक तरीके के अलावा अब प्रोफेशनल कोर्स भी कराए जाएंगे. यानी दिल्ली की सेंट्रल संस्कृत विश्वविद्यालयों और लाल बहादुर शास्त्री नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी में अब उपनिषद, वेद, पुराण के साथ […]
दिल्ली । दिल्ली के संस्कृत विश्वविद्यालयों (Delhi Sanskrit Universities) में जल्द ही पढ़ाई का ताना-बाना बदला जा सकता है. इस संस्कृत विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के पारंपरिक तरीके के अलावा अब प्रोफेशनल कोर्स भी कराए जाएंगे. यानी दिल्ली की सेंट्रल संस्कृत विश्वविद्यालयों और लाल बहादुर शास्त्री नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी में अब उपनिषद, वेद, पुराण के साथ ही व्यावसायिक विषय भी जल्द शुरू किए जाएंगे. इन कोर्सों की शुरुआत नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के तहत होगी. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. सरकार ने इन सबको पाट्ठयक्रमों को नई शिक्षा नीति के तहत शामिल करने जा रही है.
दिल्ली के संस्कृत यूनिवर्सिटी यानी लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में ये प्रोफेशनल कोर्स शुरू होने की तैयारी चल रही है. इनके नाम हैं – वास्तु, पैरामेडिकल, आर्युवेदिक मेडिसिन सिविल सर्विसेस से संबंधित चैप्टर शामिल होने जा रहे.
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत के अलावा, आयुष, योग, संगीत आदि के तहत नए कोर्स शुरू करने की तैयारी चल रही है. इसके अलावा जुलाई महीने से नेचुरोपैथी में पीजी डिप्लोमा भी शुरू किया जा सकता है. इसको मंजूरी मिल गई है. इसमें थ्योरी की नॉलेज संस्थान द्वारा दी जाएगी और प्रैक्टिकल नॉलेज के लिए कैंडिडेट्स दिल्ली के नेचुरेपेथी मेडिसन सेंटर जाएंगे.
बता दें कि इस बारे में यूनिवर्सिटी की तैयारी विदेशी विश्वविद्यालयों से भी संपर्क साधने की है. लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. पाठक का कहना है कि इससे दूसरे प्रोफेशनल कोर्स शुरू होने में मदद मिलेगी. यही नहीं यूनिवर्सिटी ने आयुर्वेद संकाय खोलने के लिए 200 एकड़ जमीन भी मांगी है.
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