मुंबई. स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए मुंबई महानगरपालिका BMC ने सेफ स्कूल जोन Safe School Zone प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। और अब इस प्रोजेक्ट की सफलता से जुड़ा हुआ सर्वे जारी किया गया है। सेफ स्कूल जोन प्रोजेक्ट के बारे में मुंबई, भायखला के क्राइस्ट चर्च स्कूल के 93 फीसदी बच्चों का […]
मुंबई. स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए मुंबई महानगरपालिका BMC ने सेफ स्कूल जोन Safe School Zone प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। और अब इस प्रोजेक्ट की सफलता से जुड़ा हुआ सर्वे जारी किया गया है। सेफ स्कूल जोन प्रोजेक्ट के बारे में मुंबई, भायखला के क्राइस्ट चर्च स्कूल के 93 फीसदी बच्चों का मानना है कि पहले के मुकाबले उनका स्कूल जाना सरल और सुरक्षित हुआ है। अब वे स्कूल की बाहरी सड़क मिर्जा गालिब मार्ग पर ज्यादा खुलकर चल पा रहे हैं।
बच्चों के सड़क पर होकर स्कूल जाने से सबसे ज्यादा चिंता अभिभावकों को होती थी। लेकिन सेफ स्कूल जोन की वजह से स्कूल के पास दुर्घटनाओं का अंदेशा काफी कम हो गया है। ऐसे में अभिभावक अब चिंतामुक्त हो सकते हैं। BMC द्वारा जारी सर्वे से यह बात सामने आई है कि सड़क को पैदल पार करने वालों के लिए बनी नई तरह की जेब्रा क्रॉसिंग ने वाहनचालकों की स्पीड थाम दी है। पहले जहां करीब 10 फीसदी गाड़ियां ही यहां अपनी स्पीड कम किया करती थीं, वहीं अब 41 फीसदी वाहनचालक अपनी स्पीड कम कर लेते हैं।
बीएमसी और ट्रैफिक पुलिस ने वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर ‘सेफ स्कूल जोन’ का पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया था। जिसका मकसद मुंबई में चाइल्ड फ्रेंडली और वॉकेबल स्कूल जोन तैयार करना है। हालांकि इस प्रोजेक्ट से सड़कों पर चल कर स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ-साथ अन्य पैदल चलने वालों के राहगीरों को भी सुरक्षा और सुविधा मिल रही है।
इस प्रोजेक्ट में ट्रैफिक को नई दिशा दी गई है। स्पीड के अलग नियम तय किए गए हैं और सड़क पर चलने एवं पार करने के लिए कॉर्नर बनाए गये हैं। इस तरह से इस आदर्श प्रयोग ने कामयाबी की ओर अपना पहला कदम आगे बढ़ाया है। ‘सेफ स्कूल जोन’ का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद आगे बीएमसी अन्य स्कूलों के बाहर भी इसे लागू करने की सोच रही है।