नई दिल्ली: छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को लेकर एक बेहद बड़ा फैसला लिया है। जितनी भी कोचिंग संस्थान प्रोफेशनल कोर्स की ट्रेनिंग देती है। उसे अब सरकार के अंतर्गत खुद को रजिस्टर करवाना पड़ेगा। इस दौरान रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन का कोचिंग सेंटर 2024 में बनाई गई गाइडलाइंस […]
नई दिल्ली: छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को लेकर एक बेहद बड़ा फैसला लिया है। जितनी भी कोचिंग संस्थान प्रोफेशनल कोर्स की ट्रेनिंग देती है। उसे अब सरकार के अंतर्गत खुद को रजिस्टर करवाना पड़ेगा। इस दौरान रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन का कोचिंग सेंटर 2024 में बनाई गई गाइडलाइंस को केंद्र सरकार द्वारा राज्यों व केंद्र शासित(Private Coaching) प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेज दिया गया है। ताकि उन्हें वह लागू करवाएं।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइंस में कई बातों पर जोर दिया गया है। इस गाइडलाइंस में कहा गया है कि छात्रों पर कंपटीशन का बहुत दबाव होता है। इस कारण कोचिंग सेंटर अब छात्रों की मानसिक स्थिति को भी ध्यान में रखने के लिए कदम उठाएंगे। छात्रों पर ज्यादा प्रेशर नहीं डाला जाएगा। उसके साथ ही अगर कोई छात्र तनाव की स्थिति में है और उसको सहायता की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में कोचिंग सेंटर को पहले से ही ऐसी व्यवस्था करके चलना होगा। जिससे की उसे छात्र को मदद मिल सके।
वहीं इसी के साथ कोचिंग सेंटर्स को अपने साथ अनुभवी साइकोथैरेपिस्ट, साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर्स को भी शामिल करने के लिए कहा गया है। इस दौरान कोचिंग सेंटर के लिए बनाई गई नई गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी कोचिंग सेंटर 16 साल से कम उम्र के छात्र को एडमिशन नहीं दे सकेगा और इसके साथ ही ट्यूटर्स की शैक्षिक योग्यताओं को भी ध्यान में रखना होगा साथ ही कोचिंग सेंटर(Private Coaching) के स्थान पर एक स्क्वायर मीटर एक स्टूडेंट के लिए जगह देनी होगी।
केंद्र सरकार ने इसके साथ ही सख्त आदेश जारी करते हुए यह भी कहा है कि अगर कोचिंग सेंटर इन गाइडलाइंस को फॉलो नहीं करता तो उस कोचिंग सेंटर पर पहली बार के उल्लंघन पर 25,OOO का फाइन लगाया जाएगा, दूसरी बार उल्लंघन का फाइन 1 लाख लगाया जाएगा। बता दें कि गाइडलाइंस में सबसे जरूरी बात फीस को लेकर कही गई है। यदि कोई छात्र पूरे कोर्स की फीस देता है और बीच में ही कोर्स छोड़ कर जाना चाहता है, तो ऐसे में कोचिंग संस्थान को बचे हुए कोर्स की फीस उसे वापस करनी पड़ेगी। जिसमें मेस और हॉस्टल फीस भी शामिल होगी।
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