Physics Career Options After Graduation: भौतिक शास्त्र से ग्रेजुएशन के बाद आप इन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं फिजियोथेरेपिस्ट, फोटॉनिक्स, अकाउंटेंट, ऐस्ट्रोनोमर, इंटेलिजेंस सिस्टम और रोबोटिक्स, मैट्रोलॉजिस्ट

Physics Career Options for 12th Students: साइंस की पढ़ाई 12वीं करने के बाद इंजीनियर या डॉक्टर का ही नहीं बनना चाहते तो आपके पास साइंटिस्ट बनने का भी विकल्प मौजूद है. यदि आप भी रिसर्च एंड डेवलपमेंट में रुचि रखते हैं तो फिजिक्स में ग्रेजुएशन करके फिजियोथेरेपिस्ट, फोटॉनिक्स, अकाउंटेंट, ऐस्ट्रोनोमर, इंटेलिजेंस सिस्टम और रोबोटिक्स, मैट्रोलॉजिस्ट, ऑप्टिकल इंजीनियर, मटेरियल साइंटिस्ट जैसे कई क्षेत्रों में बेहतर करियर बना सकते हैं.

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Physics Career Options After Graduation: भौतिक शास्त्र से ग्रेजुएशन के बाद आप इन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं  फिजियोथेरेपिस्ट, फोटॉनिक्स, अकाउंटेंट, ऐस्ट्रोनोमर, इंटेलिजेंस सिस्टम और रोबोटिक्स, मैट्रोलॉजिस्ट

Aanchal Pandey

  • May 10, 2019 3:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. भौतिक शास्त्र, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है. इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्यन किया जात है. स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ध्वनि जैसे विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है. फिजिक्स में स्नातक करके फिजियोथेरेपिस्ट, फोटॉनिक्स, अकाउंटेंट, ऐस्ट्रोनोमर, इंटेलिजेंस सिस्टम और रोबोटिक्स, मैट्रोलॉजिस्ट, ऑप्टिकल इंजीनियर, मटेरियल साइंटिस्ट जैसे कई क्षेत्रों में बेहतर करियर बना सकते हैं.

फिजियोथेरेपिस्ट

फिजियोथेरेपी के लिए बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी में स्नातक डिग्री कर सकते हैं. इसमें शारीरिक उपचार, मालिश, शारीरिक आंदोलन, चोटों, विकृतियों और रोगों को बेहतर बनाने और इलाज करने के व्यायाम के उपयोग पर केंद्रित है. एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थीयो को एक मान्यताप्राप्त बोर्ड से 12 वीं विज्ञान स्ट्रीम जीवविज्ञान समूह (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान विषयों) की परीक्षा में उत्तरीण होना जरूरी है. हॉस्पिटल, ओर्थोपेडिक डिपार्टमेंट, रिहैबिटेशन सेंटर्स फॉर द हैंडीकैप्ड, सरकारी अस्पतालों में काम करने के अवसर मिलते हैं. इसके अलावा एनजीओ, स्पोर्टस टीम, फिटनेस सेंटर जैसे क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मिलते हैं.

फोटॉनिक्स

फोटॉनिक्स फिजिक्स का डिसिप्लिन है जो फोटॉन्स की स्टडी, प्राइमरी पार्टिकल ऑफ लाइट, इंफॉर्मेशन को कन्वे और ऑब्टेन करने के प्रॉसेस के साथ डील करता है. यह साइंस की टेक्नीक है जिसमें आप लाइट के एमिशन, डिटेक्‍शन, ट्रांसमिशन और मॉड्यूलेशन की टेक्नीक्स को मास्टर करना सीखते हैं. टेलीकम्यूनिकेशन कंपनीज, रिसर्च एंड डेवलपमेंट कंपनीज में जॉब कर सकते हैं.

अकाउंटेंट

अकाउंटेंट सरकारी निकाये, बिजनेसमैन और व्यक्तियों तो फाइनेंशियल सलाह देते हैं. अकाउंटेंट अक्सर ऑडिट, मैनेजमेंट कंसल्टेंसी, वसूली, फोरेंसिक अकाउंट, टैक्स और कॉर्पोरेट फाइनेंस जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं.

ऐस्ट्रोनोमर

ऐस्ट्रोनोमर का काम वेधशालाओं और उपग्रहों का विश्लेषण करके जानकारी इचठ्टा करना होता है. बाद में ऐस्ट्रोनोमर अपनी जानकारी की सहायता से रिपोर्ट तैयार करता है. ब्रहम्मांड के रहस्यों को जानने की रुचि रखने वाले इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं. ऐस्ट्रोनोमर रक्षा और अंतरिक्ष जैसे विभिन्न सरकारी क्षेत्रों के लिए काम कर सकता है. इसके अलावा कर्मिशयल, नॉन कमर्शियल रिसर्च, विकास और परीक्षण प्रयोगशाला, वेधशालाओं, तारामंडल व विज्ञान पार्क में भी काम करने का अवसर मिलता है. आप चाहें तो इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर, स्पेस फिजिक्स लेबोरेटरी आदि के साथ भी जुड़ सकते हैं.

इंटेलिजेंस सिस्टम और रोबोटिक्स

इसमें रोबोटिक्स और भविष्य के बुध्दिमान सिस्टम के क्षेत्र में महान अवसर हैं. इस फील्ड के लिए मेडिकल साइंसेज, फार्मास्युटिकल साइंसे, लाइफ सांसे, केमिकल साइंसे, फिजिकल साइंसे किसी भी एक विषय में बीएससी या एमएससी जरूरी है.

मैट्रोलॉजिस्ट

मैट्रोलॉजिस्ट का काम वायुमेडल की परिस्थितियों का विश्लेषण करना होता है. इसके अलावा सटीक मौसम पूर्वानुमान भी तैयार करते हैं. कई मैट्रोलॉजिस्ट तूफान या बवंडर के कारणों पर रिसर्च करते हैं.

ऑप्टिकल इंजीनियर

ऑप्टिकल इंजीनियर लाइट को कंट्रोल और हेरफेर करने का काम करता है. वे दूरबीन, कैमरा, स्कैनर और फाइबर ऑप्टिक्स संचार प्रणाली जैसी चीजों के डिजाइन और निर्माण के लिए काम करते हैं. इसके अलावा मौजूदा डिजाइनस को बेहतर बनाने के लिए भी काम करते हैं.

मटेरियल साइंटिस्ट

मटेरियल साइंटिस्ट प्राकृतिक और सिंथेटिक मटेरियल दोनो के ही संरचना और गुणों की जांच करते हैं और अलग-अलग उपयोगों के लिए उन्हें सुधारने के नए तरीके बताते हैं. इसके अलावा कृत्रिम उपकरणों को डिजाइन करना, नए प्रकार के पेंट विकसित करने का काम करते हैं. साथ ही रेलवे पटरियों में अल्ट्रासाउंड की मदद से कमियों का पता लगाने और उनको सुधारने का काम करती है. तेल और गैस कंपनी, कम्पयूटर, यूनिवर्सिटिस जैसे क्षेत्रों में काम कर सकते हैं.

डिसक्लेमर- ये लेख एक्सपर्ट की सलाह नहीं है. बस एक कोशिश है ये बताने की क्या विकल्प हैं. स्टुडेंट् अपने सबसे मजबूत पक्ष को खुद जानते हैं. इसलिए करियर या विषय चुनने में उस सबजेक्ट में रुचि और ताकत को ध्यान में रखकर स्वयं फैसला करें

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