Science Career Options for 12th PCB students: 12वीं में पीसीबी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी) की पढ़ाई के बाद छात्र एमबीबीएस के अलावा एग्रीकल्चर, फूड टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फॉरेंसिक साइंस, जियोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, जूलॉजी समेत नई अन्य कोर्स में स्नातक करके बेहतर करियर बना सकते है. जिन छात्रों कि रुचि मेडिकल में है वह फार्मेसी, बीएचएमएस (B.H.M.S), बीएचएमएस (B.H.M.S), बीएएमएस (B.A.M.S), बीडीएस(B.D.S) जैसे कोर्स करके उज्जवल भविष्य बना सकते हैं.
नई दिल्ली. जिन छात्रों ने 12वीं पीसीबी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी) से किया है उनके लिए मेडिकल में एमबीबीएस के अलावा फार्मेसी, बीएचएमएस (B.H.M.S), बीएएमएस (B.A.M.S), बीडीएस (B.D.S) जैसे मेडिकल कोर्स में ग्रेजुएशन करके बेहतर करियर बना सकते हैं. इसके अलावा, एग्रीकल्चर, फूड टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फॉरेंसिक साइंस, जियोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, जूलॉजी समेत नई अन्य कोर्स में स्नातक करने का विकल्प हैं.
एमबीबीएस(M.B.B.S)
बायोलॉजी के छात्रों का सपना होता है कि वह एमबीबीएस करे. इसे करने के लिए NEET एग्जाम पास करना जरूरी है. एग्जाम में रैंक के अनुसार ही एमबीबीएस कॉलेज में दाखिला मिलता है. अगर आप एम्स से एमबीबीएस करना चाहते हैं तो उसके लिए एम्स का अलग से एग्जाम देना होगा.
फार्मेसी
फार्मेसी मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही अच्छा कोर्स है. फार्मेसी में आप बैचलर कोर्स, मास्टर कोर्स और डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. बीफार्मा कोर्स 4 साल का होता है. वहीं फार्मेसी डिप्लोमा मात्र 2 साल का होता है. डिप्लोमा करने के बाद आप मेडिकल लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इस कोर्स में मेडिसिन बनाने, टेस्ट करने की जानकारी दी जाती है. मेडिकल में रुचि रखने वाले यह कोर्स कर सकते हैं.
बीएचएमएस (B.H.M.S)
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी की पढ़ाई करके आप होम्योपैथिक डॉक्टर बन सकते हैं. बिना किसी साइड इफैक्ट वाली चिकित्सा के रूप में विश्वसनीय रूप में माने जाने वाली होम्योपैथी में करियर बनाना 12वीं के बाद छात्रों के लिए एक बेहतर ऑप्शन है.
बीएएमएस (B.A.M.S)
बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी साढ़े पॉंच साल को कोर्स है जिसमें 1 साल की इंटरनशिप भी सम्मिलित है. इस कोर्स में फॉरेंसिक मेडिसिन, टॉक्सीकोलॉजी के साथ आयुर्वेदि की पढ़ाई कराई जाती है. मेडिकल में रुचि रखने वालों के लिए यह कोर्स अच्छा और सफल हो सकता है.
बीडीएस(B.D.S)
बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी मेडिकल में रुचि रखने वालो छात्रों के लिए बढ़िया ऑप्शन है. यह एक बैचलर कोर्स है जिसमें दांत और उससे जुडी हर तरह की बीमारी और उसका इलाज करना सिखाते हैं
एग्रीकल्चर
भारत की अर्थव्यवस्था एग्रीकल्चर फील्ड पर टिकी हुई है. ऐसे में इस लाइन में करियर बनाने का स्कोप भी काफी है. इसमों डेयरी, मुर्गी पालन, सब्जी, फल और अनाज उत्पादन के कोर्स होते हैं. इसके साथ ही एग्रीकल्चर में रिसर्च और ट्रेनिंग के भी ऑप्शन है. एग्रीकल्चर लाइन के लिए स्टूडेंटस बी. एससी में एग्रीकल्चर, एग्रीकल्चर मैट्रोलॉजी में बीएससी, एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी, एग्रीकल्चर स्टेटिक्स में बीएससी जैसे कोर्स कर सकते हैं.
फूड टेक्नोलॉजी
इस कोर्स में फूड प्रोडेक्ट के कैमिकल, फिजिकल व माइक्रोबायोलॉजिकल मेकअप का अध्यन किया जाता है. इसमें मीट, फ्रूट, वेजिटेबल, फिश, अनाज, अंडी, दूध जैसे कई प्रोडेक्ट्स शामिल होते है. इस क्षेत्र में फूड टेक्नोलॉजी की डिमांड हर दिन बढ़ रही है. इस फील्ड के लिए फूड प्रोसेसिंग में बीएससी, फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलॉजी मे बीएससी जैसे कोर्स कर सकते हैं.
माइक्रोबायोलॉजी
सूक्ष्म जीवों से संबंधित विज्ञान को माइक्रोबायोलॉजी कहा जाता है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर रिसर्च के लिए होता है. माइक्रोबायोलॉजी काम सूक्ष्म जीवाणुओं पर रिसर्च करना होता है. इन जीवाणुओं को हम केवल माइक्रोस्कोप के जरिए देख सकते हैं. इस फील्ड के लिए माइक्रोबयोलॉजी में बीएससी, क्लीनिकल माइक्रोबयोलॉजी में डिप्लोमा, क्लीनिकल पैथोलॉजी में डिप्लोमा जैसे कोर्स कर सकते हैं.
डिसक्लेमर- ये लेख एक्सपर्ट की सलाह नहीं है. बस एक कोशिश है ये बताने की क्या विकल्प हैं. स्टुडेंट् अपने सबसे मजबूत पक्ष को खुद जानते हैं. इसलिए करियर या विषय चुनने में उस सबजेक्ट में रुचि और ताकत को ध्यान में रखकर स्वयं फैसला करें.
CBSE 10th Result 2019: सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट कल होगा जारी, ऐसे करें चेक www.cbseresults.nic.in