Parle Jobs Loss: कम बिक्री के कारण पार्ले बंद करेगा प्रोडक्शन यूनिट्स, जाएंगी 10,000 नौकरियां

Parle Jobs Loss: एफएमसीजी कंपनी पार्ले अपने प्रोडक्ट्स की कम बिक्री के कारण अपने कई प्रोडक्शन यूनिट्स बंद करेगा. इस कारण पार्ले के लगभग 10,000 कर्मचारियों की नौकरियां जाएंगी. पिछले कुछ समय में पार्ले के बिस्कुट की बिक्री कम होने के कारण कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही कारण है कि कंपनी अब बड़ा कदम उठाने जा रही है.

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Parle Jobs Loss: कम बिक्री के कारण पार्ले बंद करेगा प्रोडक्शन यूनिट्स, जाएंगी 10,000 नौकरियां

Aanchal Pandey

  • August 21, 2019 1:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. पार्ले कंपनी भारी नुकसान को झेल रही है. कंपनी के एक कार्यकारी ने कहा कि पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, एक प्रमुख भारतीय बिस्किट निर्माता है, जो आर्थिक वृद्धि के धीमा होने और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में कमी के कारण 10,000 कर्मचारियों को निकाल सकती है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में गिरावट के कारण कारों से लेकर कपड़ों तक हर चीज की बिक्री में सेंध लगा रही है, जिससे कंपनियों को उत्पादन कम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

पारले के श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने मुंबई से एक टेलीफोन साक्षात्कार में कहा, पारले के बिस्किट की बिक्री में भारी गिरावट का मतलब है कि कंपनी को उत्पादन में कमी करनी पड़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप 8,000-10,000 लोगों की छंटनी हो सकती है. स्थिति इतनी खराब है, कि अगर सरकार तुरंत हस्तक्षेप नहीं करती है तो हम इन पदों को खत्म करने के लिए मजबूर हो सकते हैं. 1929 में स्थापित पारले, 10 कंपनी-स्वामित्व वाली सुविधाओं और 125 अनुबंध विनिर्माण संयंत्रों में प्रत्यक्ष और अनुबंध श्रमिकों सहित लगभग 100,000 लोगों को रोजगार देती है.

शाह ने कहा कि पारले-जी जैसे लोकप्रिय पार्ले बिस्किट ब्रांडों की मांग भारत में 2017 में देशव्यापी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के बाद से बिगड़ी हुई है, जिसमें बिस्कुट पैक की कीमत 5 या 7 रुपये से अधिक थी. उच्च करों ने पारले को प्रत्येक पैक में कम बिस्कुट देने के लिए मजबूर किया है, जिससे ग्रामीण भारत में कम आय वाले उपभोक्ताओं की मांग बढ़ रही है, जो पारले के राजस्व का आधा से अधिक योगदान देता है और जहां दो-तिहाई भारतीय रहते हैं. शाह ने कहा, यहां के उपभोक्ता बेहद संवेदनशील हैं. वे इस बात से बेहद सचेत हैं कि उन्हें एक विशेष कीमत के कितने बिस्कुट मिल रहे हैं.

शाह ने कहा कि पारले के पास सालाना 1.4 अरब डॉलर से अधिक का राजस्व है, जिसने पिछले साल सरकार की जीएसटी परिषद के साथ-साथ पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली से कर दरों की समीक्षा करने के लिए कहा था. एक बार पारले ग्लूको के नाम से मशहूर मुंबई मुख्यालय वाली कंपनी के प्रमुख बिस्किट ब्रांड का नाम बदलकर पारले-जी रखा गया और 1980 और 1990 के दशक में भारत में घरेलू नाम बन गया. 2003 में पारले-जी को दुनिया का सबसे अधिक बिकने वाला बिस्कुट ब्रांड माना गया. शाह ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि में मंदी, जिसके कारण महत्वपूर्ण मोटर वाहन उद्योग में पहले ही हजारों लोगों की नौकरी चली गई थी, मांग में गिरावट को तेज कर रहा था.

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