नई दिल्ली: दुनिया के अधिकतर स्कूली बच्चों की अभी भी न्यूनतम जरूरी शारीरिक शिक्षा तक पहुंच नहीं है। यह खुलासा गुणवत्तापूर्ण शारीरिक शिक्षा पर पहले वैश्विक रिपोर्ट में हुआ है। यूनेस्को की शिक्षा टीम की प्रकाशित ग्लोबल स्टेट ऑफ प्ले की यह रिपोर्ट बताती है कि देश में केवल 58 फीसदी लड़कियों के लिए […]
नई दिल्ली: दुनिया के अधिकतर स्कूली बच्चों की अभी भी न्यूनतम जरूरी शारीरिक शिक्षा तक पहुंच नहीं है। यह खुलासा गुणवत्तापूर्ण शारीरिक शिक्षा पर पहले वैश्विक रिपोर्ट में हुआ है।
यूनेस्को की शिक्षा टीम की प्रकाशित ग्लोबल स्टेट ऑफ प्ले की यह रिपोर्ट बताती है कि देश में केवल 58 फीसदी लड़कियों के लिए शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य बनाया गया है। यहीं नहीं दुनिया भर में महज 7 फीसदी स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए समान शारीरिक शिक्षा समय निर्धारित किया है. रिपोर्ट खुलासा करती है कि दुनिया भर में माध्यमिक विद्यालय के दो-तिहाई छात्रों और प्राथमिक विद्यालय के आधे से ज्यादा छात्रों को जरूरी न्यूनतम साप्ताहिक शारीरिक शिक्षा नहीं दी जाती है। यही नहीं दो में से एक या उससे भी कम प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों ने शारीरिक शिक्षा में प्रशिक्षण लिया है।
दो तिहाई देश का शिक्षा बजट दो प्रतिशत से भी कम
यूनेस्को टीम ने देशों के बीच शारीरिक शिक्षा के लिए वित्तीय पोषण में बड़े अंतर पर भी गौर किया है। जहां दो तिहाई देश अपने शिक्षा बजट का दो फीसदी से भी कम इसके लिए देते हैं। वहीं 10 में से एक देश 7 फीसदी से अधिक पैसा आवंटित करता है।
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