देश में सरकार नया वेज कोड 1 अक्टूबर से लागू कर सकती है. बता दें कि इससे पहले ये 1 अप्रैल से लागू होने वाला था. लेकिन राज्य सरकारों की तमाम अटकलों के बीच इसे लागू नहीं किया गया था. रिपोर्ट्स के अनुसार अब ये नियम अक्टूबर में लागू किए जा सकते हैं. बताया जा […]
देश में सरकार नया वेज कोड 1 अक्टूबर से लागू कर सकती है. बता दें कि इससे पहले ये 1 अप्रैल से लागू होने वाला था. लेकिन राज्य सरकारों की तमाम अटकलों के बीच इसे लागू नहीं किया गया था. रिपोर्ट्स के अनुसार अब ये नियम अक्टूबर में लागू किए जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस बीच सभी राज्य भी अपने ड्राफ्ट रूल्स तैयार कर लेंगे. जिसके तहत कर्मचारियों की सैलरी और छुट्टियों में बदलाव होंगे.
अक्टूबर में लागू होने वाले नए वेज कोड के अनुसार अब कर्मचारियों की Earned Leave अब 240 से बढ़ कर 300 होगी. बता दें कि पहले ही लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी. इसी चर्चा में कर्मचारियों की Earned Leave 240 से बढ़ाकर 300 किये जाने की मांग की गई थी. इन बदलावों में कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव भी शामिल होगा. अब कर्मचारियों की Take Home Salary में कमी की जा सकती है.
नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वालों के साथ-साथ मजदूरों पर भी असर पड़ेगा. नए वेज कोड के बदलावों के चलते कर्मचारियों की सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे.
नए वेज कोड के अनुसार काम के घंटे पूरे हफ्ते में कुल 48 ही होंगे. यानि रोज़ाना 8 घंटे काम और एक साप्ताहिक अवकाश. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा. इसके अलावा अगर कोई कम्पनी दिन में 12 घंटे काम अपनाती है तो उसे अपने कर्मचारियों को 3 दिन का अवकाश देना होगा.