देशभर में 4 जून को नीट के रिजल्ट जारी किए गए थे. जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. जिसमें छात्र सरकार से इस एग्जाम को दोबारा करानें की मांग कर रहे हैं. आइए देखतें हैं क्या हैं कारण जिससे छात्र दोबारा परीक्षा करानें का मांग कर रहे हैं और क्या है अंकों का गणित जिसपर लोगों को ये रिजल्ट फ्रॉड लग रहे हैं.
रिजल्ट की तारीख पहले थी 14 जून
दरअसल देश में नीट एग्जाम करवानें की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के पास है. तो इस बार के नीट रिजल्ट को चुनाव रिजल्ट के दिन यानि 4 चार जून को जारी किया गया था. छात्रों का कहना है कि nta ने जानबूझकर इस दिन रिजल्ट जारी किए क्योंकि उन्हें पता था कि चुनाव के नतीजों के बीच हम छात्रों की आवाज दब जाएगी. जबकि असल में नीट रिजल्ट की तारीख 14 जून थी जिसे बढ़ाकर 4 जून किया गया.
क्या हैं वो कारण जिससे लोगों को है फ्रॉड की आशंका ?
इस बार के रिजल्ट में कुल 67 बच्चों ने प्रथम रैंक प्राप्त की है जबकि इससे पहले साल 2023 के नीट रिजल्ट में सिर्फ दो छात्रों की रैंक 1 आई थी. साल 2022 में भी सिर्फ 4 बच्चों की रैंक 1 आई थी. लेकिन इसबार के रिजल्ट्स में ये नंबर लोगों की सोच से भी अधिक 67 तक पहुंच गया. जो कि अपनें आप बड़े सवाल खड़े करता है.
इन 67 टॉपर स्टूडेंट्स के बाद आने वाले अगले दो रैंक 68 और रैंक 69 हासिल करने वाले छात्र जिन्हें 720 के पूर्णांक में से 719 और 718 अंक मिले हैं. जो कि टेक्निकल रूप से संभव नही है क्योंकि नीट में हर सही उत्तर के 4 मार्क्स होते हैं और गलत होनें पर 1 मार्क टोटल मार्क्स से काटा जाता है. तो कोई छात्र यदि सभी प्रश्न सही करता है और एक प्रश्न गलत कर देता है तो उसके 715 नंबर आएंगे और वह एक प्रश्न को अटेंड ही करता है तो उसके 716 नंबर आ सकते हैं लेकिन इस छात्रों के 719 और 718 नंबर आना समझ से परे है. NTA से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि, ग्रेस मार्क्स के तौर पर उन्हें ये नंबर दिए गए हैं. जो कि संतोषजनक उत्तर नही है. इसके अलावा रैंक 62, 63, 64, 65, 66 और रैंक 67 ऐसे छात्र हैं जिन्होंने एक ही एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी, और वे टॉपर बनें हैं. इतने सारी खामियों के कारण नीट एग्जाम देने वाले बच्चे दोबारा एग्जाम को करानें की मांग पर अड़ गए हैं.
पेपर लीक मामले में हो चुकी हैं गिरफ्तारी
पटना में नीट 2024 पेपर लीक मामले में 4 मई को पटना से 13 और पूरे बिहार से 24 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जबकि नीट का एग्जाम 5 मई को था. घटनास्थल पर 4 मई को पुलिस ने जला हुआ नीट एग्जाम का प्रश्नपत्र भी बरामद किया था. उस समय हुई पुलिस की जांच में पाया गया था कि नीट का प्रश्न पत्र लीक हो गया है. इंडिया न्यूज से हुई बातचीत में एक महिला ने कहा कि, ” 5 मई को एग्जाम था और 4 मई की सुबह से नीट का पेपर टेलीग्राम में वायरल हो रहा था. इसके बावजूद रिजल्ट पर स्टे नहीं लगाया गया. मेरे बेटे 560 नंबर आए हैं लेकिन उसका इतनें नंबर लानें पर भी कोई कॉलेज नहीं मिल रहा है जबकि इससे पहले 560 नंबर लानें बच्चों को अच्छा कॉलेज मिल जाता था.”
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