नई दिल्ली. मेडिकल अंडरग्रेजुएट दाखिलों के लिए पिछले महीने आयोजित हुई नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट, नीट NEET परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में चार छात्रों ने नीट परीक्षा में गलत सवाल पूछे जाने के बारे में याचिका दाखिल की थी. हालांकि इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में प्रवेश हेतु आयोजित नीट परीक्षा के परिणाम में दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दिल्ली हाई कोर्ट में जाने की इजाजत दी है. शीर्ष अदालत का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट में इसी तरह की याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो एक्सपर्ट नहीं है और इस मामले में दखल नहीं देना चाहता है.
दरअसल, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिले के लिए 5 मई 2019 को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी. 29 मई को नीट 2019 की आंसर की जारी की गई थी. आंसर की जारी होने के बाद इन छात्रों ने एनटीए को 30 जून और 5 जून को शिकायत भी भेजी थी. जिसमें बताया गया था कि नीट में पूछे गए चार सवाल गलत थे और आंसर की आने के बाद इसकी पुष्टि हो गई है. हालांकि अधिकारियं की तरफ से शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया गया.
इसके बाद इन छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने की हामी भी भर दी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बैंच ने सुनवाई करते हुए इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकता क्योंकि वह एक्सपर्ट नहीं है.
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