National Education Policy 2020: नरेंद्र मोदी सरकार ने सीटीईटी, टीईटी, बीएड कोर्स और नियुक्ति प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए हैं. इन सभी बदलावों के बारे में शिक्षण क्षेत्र से जुड़े और शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को जानना बेहद जरूरी है. नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक स्तर पर कई अहम बदलाव किए गए हैं.
National Education Policy 2020: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जारी की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने देश की शिक्षा प्रणाणी में कई बड़े बदलाव की सिफारिश की है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार वर्ष 2030 तक शिक्षण के लिए आवश्यक न्यूनतम डिग्री चार वर्षीय बीएड की होगी. इसके अलावा नई स्कूल प्रणाली के अनुसार टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट में भी बदलाव किया जाएगा. इससे पहले टीईटी की दो घटकों में विभाजित किया गया था टीईटी 1 और टीईटी 2.
हालांकि अब जब स्कूल संरचना को चार भागों में विभाजित किया गया है, मूलभूत, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक. इसी के अुसार टीईटी को भी विकसित किया जाएगा. विषय शिक्षकों के लिए उपयुक्त सीटीईटी या एनटीए द्वारा आयोजित संबंधित विषयों में परीक्षण स्कोर को भर्ती के समय महत्व दिया जाएगा. एनटीए सभी विषयों और के सामान्य योग्यता परीक्षा के लिए टेस्ट आयोजित करेगा. टीईटी क्वालीफाई करने वालों को एक परफॉर्मेंस देना होगा या एक साक्षात्कार में उपस्थित होना होगा और नई शिक्षा नीति के अनुसार स्थानीय भाषा के बारे में ज्ञान होना आवश्यक होगा.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अुसार साक्षात्कार शिक्षक भर्ती का महत्वपूर्ण अंग बन जाएगा. ये साक्षात्कार स्थानीय भाषा में शिक्षण में आराम और दक्षता का आकलन करने के लिए होगा. निजी स्कूल के शिक्षकों के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य होगा. स्कूलों में भर्ची और रिक्तियों को डिजिटल रूप से मैनेज किया जाएगा. अगले दो दशकों में अपेक्षित विषय वार शिक्षक रिक्तियों का आकलन करने के लिए प्रत्येक राज्य द्वारा एक टेक्नोलॉजी आधारित व्यापक शिक्षक आवश्यक्ता नियोजन पूर्वानुमान अभ्यास आयोजित किया जाएगा.
बीएड कोर्सेज में हुआ अहम बदलाव
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में अब ऐसे शिक्षकों की आवश्यक्ता होगी जो कई भाषाओं में पढ़ा सकें. शिक्षकों को आधुनिक पाठ्यक्रमों जैसे कम्प्यूटेशनल सोच, कोडिंग आदि का ज्ञान हो. बीएड पाठ्यक्रम भी इसी के तहत बदला जाएगा. बीएड कोर्स चार वर्ष की अवधि के होंगे. एक भाषा पर ध्यान देने और द्विभाषी व्याख्यान देने के साथ दोहरी बीएड की डिग्री भी प्रदान की जाएगी. बच्चों की शिक्षा में स्पेशलाइजेशन का यह बीएड कार्यक्रम होगा.
इसके साथ ही एक और दो वर्षीय बीएड कोर्स भी उपलब्ध होंगे. दो वर्षीय बीएड कोर्स ग्रैजुएशन की डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों के लिए होगा. वहीं 1 वर्षीय बीएड कोर्स पोस्ट ग्रैजुएशन डिग्री हासिल कर चुके उम्मीदवारों के लिए होगा. इन उम्मीदवारों को बाद में विशेषता के क्षेत्र में विषय शिक्षकों के रूप में काम पर रखा जाएगा. इसके अतिरिक्त बहु विषयक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शॉटर पोस्ट बीएड सर्टिफिकेट कोर्स भी व्यापक रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे.