Medical Colleges: नेशनल मेडिकल कमीशन ने छात्रों के हित में लिया अहम निर्णय, जानें कितनी मिलेगी पेड लीव

नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन ने कॉलेजों की दादागिरी को देखते हुए एक अहम निर्णय लिया है। यह निर्णय छात्रों के हित में देखते हुए लिया गया है। दरअसल, नेशनल मेडिकल कमीशन ने आदेश जारी कर कहा है कि मेडिकल कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दें। लेकिन वह उन पर यहां […]

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Medical Colleges: नेशनल मेडिकल कमीशन ने छात्रों के हित में लिया अहम निर्णय, जानें कितनी मिलेगी पेड लीव

Janhvi Srivastav

  • February 10, 2024 6:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन ने कॉलेजों की दादागिरी को देखते हुए एक अहम निर्णय लिया है। यह निर्णय छात्रों के हित में देखते हुए लिया गया है। दरअसल, नेशनल मेडिकल कमीशन ने आदेश जारी कर कहा है कि मेडिकल कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दें। लेकिन वह उन पर यहां रहने के लिए दबाव बिल्कुल भी नहीं बना सकते हैं। इसके साथ ही छात्रों के हॉस्टल में रहने को लेकर कोई भी मेडिकल कॉलेज अपना नियम उन पर लागू नहीं कर सकता है। वहीं कमीशन ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल रेगुलेशन 2023 का हवाला देते हुए कॉलेजों को चेतावनी दी है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि अगर मेडिकल कॉलेजों ने इन नियमों(Medical Colleges) का पालन नहीं किया तो उस कॉलेज के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

अक्सर मिल रही थी शिकायतें

जानकारी दे दें कि नेशनल मेडिकल कमीशन को अक्सर शिकायतें मिल रहीं थीं कि कुछ मेडिकल कॉलेज(Medical Colleges) पीजी स्टूडेंट्स पर हॉस्टल में रहने का दवाब बना रहे हैं। इसके लिए उनसे काफी फीस भी मांगी जा रही है। इस दौरान एनएमसी ने कहा कि हॉस्टल फीस जायज होनी चाहिए साथ ही साथ विद्यार्थियों के पास विकल्प भी होना चाहिए। यदि वह अपनी खुद की इच्छा से चाहे तो हॉस्टल या फिर किसी भी अन्य जगह रह सकते हैं।

कमीशन ने कही ये बात

इस दौरान कमीशन ने रेगुलेशन 2023 के सेक्शन 9.1 और 9.2 का हवाला देते हुए कहा है कि यदि कोई मेडिकल कॉलेज इन नियमों का पालन नहीं करेता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है और साथ ही उस कॉलेज की सीटों में भी कटौती की जा सकती है। इतना ही नहीं बल्कि कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया भी रोकी जा सकती है। कमीशन की तरफ से आगे ये भी कहा गया है कि छात्रों को मानसिक रूप से परेशान नहीं किया जा सकता है और स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल फैसिलिटी ऑप्शनल है। जरूरत के मुताबिक छात्र ये तय कर सकता है कि उसे कहां रहना है और नहीं।

इतनी मिलेगी पेड लीव

बता दें कि कुछ दिनों पहले नेशनल मेडिकल कमीशन ने पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों की मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए गाइडलाइन जारी की थीं। जिसके मुताबिक हर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को पीजी छात्रों को वीकली ऑफ देना होगा। इसके साथ ही उन्हें 1 साल 20 दिन की पेड लीव भी जाएगी और ये छात्र फुल टाइम रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर काम करेंगे।

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