साल 2024 परीक्षा के लिए सही घड़ी नहीं रही। इस साल बहुत से मामले ऐसे सामने आए जिससे अभ्यर्थियों के मनोबल को तोड़ कर रख दिया है। इस साल छात्रों द्वारा देश के अलग-अलग जगहें से प्रदर्शन की खबरें आती रही है।
नई दिल्ली : साल 2024 परीक्षा के लिए छात्रों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। इस साल देशभर से पेपर लीक के कई मामलों की खबरें आई हैं, जिनसे अभ्यर्थियों के मनोबल को काफी चोट पहुंची है। छात्र और अभ्यर्थी सरकारी और प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन पेपर लीक जैसी घटनाओं ने उनके प्रयासों पर पानी फेर दिया।
NEET UG-2024
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा
UPPSC RO-ARO परीक्षा
UGC NET 2024
झारखंड SSC CGL 2024
राजस्थान इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा
भारत में पिछले कुछ सालों में पेपर लीक की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। 2019 से लेकर अब तक लगभग 65 बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, जिनमें एफआईआर दर्ज की गई, गिरफ्तारी हुई या फिर परीक्षाएं रद्द की गईं। इन घटनाओं ने छात्रों को मानसिक तनाव और असंतोष का सामना कराया। प्रदर्शन और विरोध की कई खबरें देश के विभिन्न हिस्सों से आईं, जहां छात्र न केवल गुस्से का इज़हार कर रहे थे, बल्कि वे सरकारी प्रणाली से उचित कार्रवाई की मांग भी कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश ने सबसे अधिक पेपर लीक की घटनाओं का सामना किया, जहां 8 पेपर लीक के मामले सामने आए। इसके बाद राजस्थान और महाराष्ट्र में 7-7 मामले रिपोर्ट किए गए। बिहार में 6, गुजरात और मध्य प्रदेश में 4-4 पेपर लीक के मामले सामने आए।
सबसे ज़्यादा पेपर लीक उत्तर प्रदेश में हुए, वहां 8 मामले सामने आए। इसके बाद राजस्थान और महाराष्ट्र में 7-7 पेपर लीक हुए। बिहार में 6, गुजरात और मध्य प्रदेश में 4-4 पेपर लीक हुए। हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 1 जनवरी 2019 से 25 जून 2024 के बीच तीन-तीन पेपर लीक हुए।दिल्ली, मणिपुर और तेलंगाना में दो बार पेपर लीक हुआ, जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और नागालैंड में एक-एक बार पेपर लीक हुआ।
ये घटनाएं न केवल छात्रों के लिए परेशानी का कारण बनीं, बल्कि पूरी परीक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठाने के लिए मजबूर कर दिया। अभ्यर्थी इस बात से भी चिंतित हैं कि अगर सही समय पर पेपर लीक की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी असर पड़ सकता है।
इस वर्ष के पेपर लीक मामलों ने यह साबित कर दिया कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा उपायों की सख्त जरूरत है। छात्रों का यह भी मानना है कि इस मुद्दे पर सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके और छात्रों की मेहनत पर कोई आंच न आए।
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