LDC Hiring in DHSGSU: मध्य प्रदेश की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी ने एलडीसी, प्राइवेट सेक्रेटरी और अन्य पदों के लिए भर्तियां निकाली हैं. सागर स्थित क्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय (DHSGSU) ने इन पदों के लिए 22 अप्रैल तक आवेदन मांगे हैं इसलिए अभ्यर्थी जल्दी करें और आज ही एग्जामिनेशन फॉर्म डाल दें. अभ्यर्थी यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट www.dhsgsu.ac.in पर जाकर नोटिफिकेशन समेत अहम जानकारियां हासिल कर सकते हैं. जानें कितनी सैलरी मिलेगी.
भोपाल. LDC Hiring in DHSGSU: मध्य प्रदेश के सागर स्थित डॉक्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय (DHSGSU) ने लोअर डिविजन क्लर्क (एलडीसी), प्राइवेट सेक्रेटरी और अन्य पदों के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा है. इन पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी 22 अप्रैल तक आवेदन डाल सकते हैं. अभ्यर्थियों से अपील है कि वे जितनी जल्दी हो सके, आवेदन फॉर्म भर दें.
यहां बता दूं कि यह फुल टाइम सरकारी नौकरी है और एलडीसी, प्राइवेट सेक्रेटरी समेत अन्य पदों की सैलरी 15,000 रुपये से लेकर 65,000 रुपये तक है. अभ्यर्थी डॉक्टर हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट www.dhsgsu.ac.in पर जाकर नोटिफिकेशन समेत अहम जानकारियां हासिल कर सकते हैं.
जानें क्या है Eligibility criteria
डॉक्टर हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी द्वारा एलडीसी, प्राइवेट सेक्रेटरी और अन्य पदों के लिए जारी वैकेंसी के लिए महिला और पुरुष दोनों अप्लाई कर सकते हैं. शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो सीनियर सेकेंडरी यानी 12वीं पास स्टूडेंट पास इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. इन पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी और फाइल मेंटेन करने की काबिलियत होनी चाहिए.
मालूम हो कि डॉक्टर हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी ने एलडीसी, प्राइवेट सेक्रेटरी और अन्य पदों के लिए अपनी आधिकारिक वेबसाउट पर 19 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया. 18 अप्रैल से आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई जो कि 22 अप्रैल तक चलेगी. यहां सबसे अहम बात बता दूं कि इन पदों के चयन प्रक्रिया में प्रजेंटेशन, सेमिनार, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू अहम है.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारी प्रमुख समस्या है. लाखों अभ्यर्थी नौकरी की तलाश में हैं और प्रदेश समेत केंद्र सरकार से नौकरी देने की अपेक्षा कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए नौकरी के अवसर बढ़ाने की दिशा में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भले प्रयासरत हों, लेकिन इसका जमीन पर खास असर नहीं दिख रहा है.