नई दिल्ली. शिक्षा मनुष्य में चरित्र का निर्माण करती है। इस बात को कुछ यूं भी कह सकते हैं कि शिक्षा ही मनुष्य को जीवन जीना सिखाती है। इसलिए शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार है। लेकिन दुर्भाग्यवश आज भी दुनियाभर के विभिन्न हिस्सों में बहुत से बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। या फिर उन्हैं […]
नई दिल्ली. शिक्षा मनुष्य में चरित्र का निर्माण करती है। इस बात को कुछ यूं भी कह सकते हैं कि शिक्षा ही मनुष्य को जीवन जीना सिखाती है। इसलिए शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार है। लेकिन दुर्भाग्यवश आज भी दुनियाभर के विभिन्न हिस्सों में बहुत से बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। या फिर उन्हैं पढ़ाई-लिखाई के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में शिक्षा के प्रति जन-जन को जागरूक करने के लिए हर 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस International Education Day मनाया जाता है। दुनियाभर के सभी देश इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा UNGA ने 3 दिसंबर 2018 को एक प्रस्ताव पारित किया था। जिसके अंतर्गत 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया गया था। विश्व शांति और विकास के लिए शिक्षा की भूमिका को बढ़ावा देने के मकसद से 24 जनवरी 2019 को पहला अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। इस बार इस दिवस International Education Day 2022 की थीम शिक्षा में बदलाव रखी गई है।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को सभी देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। इस दौरान कई बड़े इवेंट्स और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हालांकि इसमें मुख्यत: लर्निंग, इनोवेशन और फाइनेंसिंग पर ही जोर दिया जाता है। बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए इस साल का अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस कई विषयों पर बहस पैदा करेगा। जैसे कि शिक्षा को सार्वजानिक भलाई के लिए कैसे प्रबलता दी जाए, कोरोना काल में डिजिटल बदलाव को कैसे आगे बढ़ाएं, अपनी पृथ्वी को कैसे सुरक्षित रखें और इस सामूहिक कल्याण कार्य के लिए हर जन को कैसे प्रोत्साहित करें, आदि।