नई दिल्ली। दुनिया में चल रही मंदी के बीच अमेरिका सहित दुनियाभर के विकसित देशों में मंहगाई के लगातार बढ़ने के बाद अब नौकरी से लोगों को निकाले जाने का क्रम जारी है। इससे अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की जिंदगी में काफी ज्यादा असर पड़ा है। अमेरिका में मंदी खासकर भारतीय […]
नई दिल्ली। दुनिया में चल रही मंदी के बीच अमेरिका सहित दुनियाभर के विकसित देशों में मंहगाई के लगातार बढ़ने के बाद अब नौकरी से लोगों को निकाले जाने का क्रम जारी है। इससे अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की जिंदगी में काफी ज्यादा असर पड़ा है। अमेरिका में मंदी खासकर भारतीय मूल के आईटी पेशेवरों के लिए भारी पड़ रही है। बीते 90 दिनों में अमेरिका में आईटी क्षेत्र में दो लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां गई है। इनमें 60 से 80 हजार के बीच भारतीय मूल के कर्मचारी भी शामिल है।
बता दें, छंटनी करने वाली कंपनियों में बड़ी आईटी कपनियां गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन के अलावा कई छोटे स्टार्टअप भी शामिल है। छंटनी के बाद बेरोजगार हुए हजारों भारतीय पेशेवर अब अमेरिका में बने रहने के लिए कामकाजी वीजा के तहत निर्धारित अवधि के भीतर नया रोजगार पाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। भारतीय लोगों को डर है कि अगर उन्हें रोजगार नहीं मिलता है, तो मजबूरन भारत लौटना पड़ेगा। नौकरियों से निकाले गए अधिकतर लोग भारतीय आईटी पेशेवर एच-1बी या एल1 वीजा पर यहां काम कर रहे हैं।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को समझने वाले लोगों का कहना है कि, “अमेरिका में अभी ओर नौकरियां जाने के आसार है, अमेरिका में तेजी से बढ़ रही महंगाई और महंगाई को काबू करने के लिए फेडरल रिजर्व द्वारा उठाए गए कदम के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी रहने के आसार अभी बने रहेंगे।
नौकरियों से निकाले गए भारतीय मूल के लोगों ने एक दूसरे की मदद करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बना लिए है, इस मुश्किल हालात से निकलने के लिए सभी भारतीय एकजुट हो गए है। इन्हीं में एक ग्रुप को चलाने वाले राकेश ने बताया कि, मैं एक 800 लोगों के ग्रुप में शामिल हूं, जिसमें अधिकतर लोगों का रोजगार जा चुका है। लोग ग्रुप्स के जरिए एक- दूसरे को ना केवल भावनात्मक रूप से बल्कि नौकरियों को तलाशने में भी मदद कर रहे है।
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