नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी) ने शनिवार को अपना 55वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जहां 2656 स्नातक छात्रों ने संस्थान से डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त किए.
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी) ने शनिवार को अपना 55वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जहां 2656 स्नातक छात्रों ने संस्थान से डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त किए. इस वर्ष जुबिलेंट भरतिया ग्रुप के संस्थापक और सह-अध्यक्ष और 1979 बैच के आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हरि एस भरतिया मुख्य अतिथि बने.
आपको बता दें कि दीक्षांत समारोह में स्नातक करने वाले कुल विद्यार्थियों में से 25 प्रतिशत महिलाएं थीं. संस्थान ने 481 पीएचडी स्नातकों को डिग्री प्रदान की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की वृद्धि है और अनुसंधान पर इसके जोर का प्रमाण है. 481 भी एक सर्वकालिक उच्च संख्या है. प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि इस वर्ष कुल पीएचडी स्नातकों में से 42 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं.
वहीं इंजीनियरिंग फिजिक्स में बीटेक मानस चौधरी को दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. इसके अलावा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक के एक अन्य छात्र दिव्यांश अग्रवाल को निदेशक के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. वहीं पांच छात्रों को परफेक्ट टेन गोल्ड मेडल प्रदान किया गया, जबकि इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल से 16 अन्य को सम्मानित किया गया. वहीं बीटेक डिग्री पुरस्कार विजेता कवीश कुमार, जिनकी उम्र 20 वर्ष से कम है, इस वर्ष स्नातक करने वाले सबसे कम उम्र के छात्र थे और 63 वर्षीय पीएचडी पुरस्कार विजेता सुनील कुमार गुलाटी संस्थान में सबसे उम्रदराज छात्र थे.
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