Heart Attack: आयुर्वेद ने दिया हार्ट अटैक को मात, पंचकर्म चिकित्सा के आगे ब्लॉकेज भी खत्म

नई दिल्लीः भारत का आयुर्वेद अब हार्ट अटैक को भी मात देने के लिए तैयार है। बता दें कि ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आए आयुर्वेदिक चिकित्‍सा से हार्ट अटैक के मरीज का सफल इलाज किया गया है। आर्टरी में 90 फीसदी ब्‍लॉकेज के मरीज को बिना सर्जरी सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि और चिकित्‍सा से […]

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Heart Attack: आयुर्वेद ने दिया हार्ट अटैक को मात, पंचकर्म चिकित्सा के आगे ब्लॉकेज भी खत्म

Sachin Kumar

  • February 14, 2024 11:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्लीः भारत का आयुर्वेद अब हार्ट अटैक को भी मात देने के लिए तैयार है। बता दें कि ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आए आयुर्वेदिक चिकित्‍सा से हार्ट अटैक के मरीज का सफल इलाज किया गया है। आर्टरी में 90 फीसदी ब्‍लॉकेज के मरीज को बिना सर्जरी सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि और चिकित्‍सा से ठीक किया गया है। अभी तक अंग्रजी दवा के भरोसे रहने वाले दिल के मरीजों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है कि अब वे आयुष की इस पारंपरिक चिकित्‍सा पद्धति से भी इलाज करा सकते हैं।

90 फीसदी आर्टरी ब्लॉकेज थी

एआईआईए की ओर से दी गई बताया गया है कि 50 वर्षीय अवधेश कुमार दिल्‍ली के जैतपुर निवासी हैं और आटो ड्राइवर हैं। नवंबर 2022 में इन्‍हें हार्ट अटैक पड़ा और एंजियोग्राफी रिपोर्ट में देखा गया कि इनकी आर्टरी में 90 फीसदी ब्लॉकेज थी। दिल्ली के नामी सरकारी अस्‍पताल में कई महीने इलाज कराने के दौरान डॉक्टरों ने इन्‍हें दो स्‍टेंट डलवाने की सलाह दी गई लेकिन अक्‍टूबर 2023 में ये दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में इलाज के लिए पहुंचे।

15 दिन के लिए गए थे आयुर्वेद संस्थान

जिसके बाद आयुर्वेद संस्थान में अवधेश को 15 दिन के लिए भर्ती किया गया और पंचकर्म सहित आयुर्वेदिक चिकित्‍सा पद्धति से इलाज किया गया। इसके बाद 3 महीने तक घर पर रहकर आयुर्वेदिक औषधियां खाने के लिए दी गईं। अब जब एक बार फिर एंजियोग्राफी जांच की गई तो उसमें 0-5 फीसदी ब्‍लॉकेज सामने आई।

अवेधश ने बताई सच्चाई

वहीं मरीज अवधेश कुमार ने बताया कि हार्ट अटैक आने पर 3 महीने इलाज के बाद उन्‍हें स्‍टेंट डलवाने के लिए कहा गया था लेकिन उनके पस पैसे नहीं थे। इसलिए वे कुछ दिन चुप रहे और फिर एक दिन पूरी तरह मुफ्त अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान में इलाज के लिए आए। यहां 15 दिन एडमिशन और 3 महीने इलाज के बाद वे पूरी तरह स्‍वस्‍थ दिखे और एंजियोग्राम की रिपोर्ट्स भी सामान्‍य आई हैं।

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