नई दिल्ली: भारत ने इंडो-पैसिफिकेशन क्षेत्र के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) पहल शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद इस योजना की घोषणा की। बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने बताया कि भारत 500,000 डॉलर (करीब 4.17 करोड़ रुपये) मूल्य की 50 क्वाड छात्रवृत्ति प्रदान करेगा। ये छात्रवृत्ति भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एक तकनीकी संस्थान में 4 वर्षीय स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रम के लिए दी जाएगी।
प्रत्येक क्वाड फेलो को शैक्षणिक खर्चों को पूरा करने के लिए 40,000 डॉलर (करीब 33.39 लाख रुपये) का एकमुश्त वित्तीय अनुदान मिलेगा। फिलहाल, विस्तृत पात्रता मानदंड की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही जारी कर दी जाएगी।
क्वाड देशों – ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका ने 24 सितंबर 2021 को 40,000 डॉलर की क्वाड फ़ेलोशिप की घोषणा की। इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य STEM छात्रों का समर्थन करना है। इस छात्रवृत्ति का प्रबंधन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान द्वारा किया जाता है। जो एक गैर-लाभकारी संगठन है। क्वाड फ़ेलोशिप अमेरिका में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में मास्टर और डॉक्टरेट की पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रदान की जाती है।
आवेदन के समय उम्मीदवारों की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। आवेदक क्वाड देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, अमेरिका) या दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में से किसी एक का नागरिक या कानूनी स्थायी निवासी होना चाहिए। आवेदक ने स्नातक की डिग्री पूरी कर ली होगी।
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