नई दिल्ली. 150th Mahatma Gandhi Jayanti: बचपन का नाम मोहनदास करमचंद गांधी और बाद में महात्मा गांधी के नाम से प्रसिद्ध हो जाना किसी भी साधारण आदमी के लिए इतना आसान नहीं होता है. लेकिन मोहनदास करम चंद गांधी ने भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया को वो रास्ता दिखाया जिससे वो पूरी दुनिया में महात्मा गांधी के नाम से प्रसिद्ध हो गये. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को पोरबंदर गुजरात में हुआ था. महात्मा गांधी का मानना था कि सत्य और अहिंसा के दम पर व्यक्ति कोई भी लड़ाई जीत सकता है और उन्होंने ऐसा किया भी. अंग्रेजों को भारत से भगाने में महात्मा गांधी का बहुत बड़ा योगदान था. उन्होंने सत्य और अहिंसा के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया. देश को अंग्रजों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए गांधी ने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और नमक सत्याग्रह जैसे कई आंदोलन कियें जिससे अंग्रेजों को देश छोड़ना पड़ा. देश आजाद हुआ और आधुनिकता भारत में हावी होने लगी और आज देश गांधी के विचारों को भूलता जा रहा है. अगर आज गांधी जिंदा होते तो शायद उनके सपनों का भारत ऐसा नहीं होता. अगर उनके सपनों का भारत ऐसा होता तो वो इस भारत में जिंदा नहीं रहना चाहते.
महात्मा गांधी का आधुनिक मॉडल गांवों के विकास पर आधारित था. गांधी का मानना था कि किसी भी देश की मूल आत्मा उसके गांवों में निवास करती है और किसी भी देश में अगर गांवों का विकास होता है तो उस देश में सुख और शांति होती है. गांवों के विकास का जिग्र महात्मा गांधी ने अपनी प्रमुख किताब ”ग्रामोदय” में किया है. महात्मा गांधी शहरों के विकास के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण पर ध्यान देनें कि बात करते थे. लेकिन ये देश का दुर्भाग्य है कि आज गांव ही विकास से सबसे ज्यादा वंजित हैं. गांवों में आज जितनी भी योजनाएं संचालित की जा रही हैं एकाद को छोड़कर सभी अपनी राह से भटक चुकी हैं. वर्तमान सरकार ने भी गांवों के विकास के नाम पर सांसद आदर्श ग्राम विकास योजना की शुरूआत की थी, लेकिन आज सांसद आदर्श गांवों की स्थिति किसी से नहीं छुपी है.
वहीं शहरीकरण की बात करें तो गांधी कभी नहीं चाहते थे कि शहरीकरण के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो, लेकिन आज देश गांधी के विचारों को भूल चुका है और शहरीकरण के नाम पर बेतरतीब अवैध प्लाटिंग, फ्लैट, अपार्टमेंट्स बनाए जा रहे हैं. शायद गांधी को इस आधुनिकता आभास पहले से ही हो चुका था, इसलिए उन्होंने कहा था कि – ”वो नहीं चाहते कि उनका घर चारों ओर से दीवारों से घिरा हो और उसकी सभी खिड़कियां बंद हों”. गांधी चाहते थे कि उनके घर में स्वच्छंद हवा और विभिन्न संस्कृतियों का मिलन हो. लेकिन ये देश आधुनिकता में ऐसा बहा कि समस्याओं को ही जन्म दे दिया. बाढ़, भारी बारीश, बादल फटना और पर्यावरण जैसी समस्या आम हो गई हैं. इसका ताजा उदाहरण बिहार की राजधानी पटना में आई बाढ़ है. पटना में पिछले 5 दिनों से बाढ़ के कारण 40 लोगों की मौत हो चुकी है और राहत कार्य अब भी जारी है. अगर पटना का शहरीकरण करते समय ध्यान दिया गया तो स्थिति ये नहीं होती.
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