4 साल से दिल्ली के एक नहीं 12 कॉलेज में ‘सैलरी संकट’, क्यों नहीं मिल रहा फंड ?

नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में ‘वेतन में कटौती’ का मुद्दा अब गर्माता ही जा रहा है, कॉलेज का नोटिस मीडिया में सामने आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केजरीवाल सरकार पर हमलावर है और दिल्ली सरकार के ‘रेवड़ी मॉडल’ को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही […]

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4 साल से दिल्ली के एक नहीं 12 कॉलेज में ‘सैलरी संकट’, क्यों नहीं मिल रहा फंड ?

Aanchal Pandey

  • September 9, 2022 4:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में ‘वेतन में कटौती’ का मुद्दा अब गर्माता ही जा रहा है, कॉलेज का नोटिस मीडिया में सामने आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केजरीवाल सरकार पर हमलावर है और दिल्ली सरकार के ‘रेवड़ी मॉडल’ को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही है. अब दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (डूटा) के चीफ और पूर्व चीफ ने दावा किया है कि यह स्थिति सिर्फ दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में नहीं बल्कि 12 कॉलेजों में है. लंबे समय से वेतन में कटौती हो रही है और समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है.

फंड की कमी के चलते नहीं मिल रहा वेतन

डूटा चीफ एके बाघी ने तो यहां तक कहा कि केंद्र सरकार को इन 12 कॉलेजों को अपने अधीन ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा, ”फंड की कमी की वजह से दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में 2 साल से अध्यापकों के वेतन में कटौती की जा रही है, हमने मुख्यमंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया, डेप्युटी सीएम तक गए, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी. हम बस इतना चाहते हैं कि इन कॉलेजों को केंद्र सरकार अपने नियंत्रण में ले.”

डूटा के पूर्व अध्यक्ष राजीब रे ने इस संबंध में कहा, ”फंड के अभाव में वेतन में देरी हो रही है, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज समेत 12 कॉलेजों में पिछले 4 साल से शिक्षकों के वेतन में कटौती हो रही है या देरी से वेतन दिया जा रहा है, एक साल में हमने 4-6 बार प्रदर्शन किए हैं लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है, इससे नॉन-टीजिंग स्टाफ को भी दिक्कत हो रही है, लेकिन हमारी कोई नहीं सुन रहा.”

गौरतलब है कि मीडिया में दिल्ली यूनिवर्सिटी के दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज का एक नोटिस आया है, जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर की जुलाई की सैलरी में 30 से 50 हजार रुपए तक रोके जाने की बात भी कही गई है, वहीं पैसों की कमी का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है कि फंड आने के बाद ही रुका हुआ पैसा दिया जाएगा.

 

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