नई दिल्लीः प्रारंभिक एवं उच्च विद्यालय में जिले के कार्यरत करीब 14 हजार शिक्षकों का शैक्षणिक डेटा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा छह महीने पहले जारी किया गया था। दरअसल, अभी तक महज नौ हजार शिक्षकों के द्वारा ही डेटा अपलोड किया गया है। इस दौरान डेटाओं में भी कई शिक्षकों द्वारा गलत डेटा अपलोड किया गया है। वहीं उन लोगों को दोबारा डेटा अपलोड करने का आदेश पत्र के माध्यम डीपीओ के द्वारा जारी किया गया है। जो कि संबंधित बीआरसी में जाकर अपना डेटा ई-शिक्षा(eShiksha) कोष पर अपलोड कर सकते हैं।
जानकारी दे दें कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों द्वारा शैक्षणिक डेटा अपलोड(eShiksha) करते ही उनके प्रमाण पत्रों की सत्यता की जानकारी शिक्षा विभाग को मिल जाएगी। इस दौरान शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के बीच चर्चा है कि नियोजन इकाई के द्वारा कई शिक्षकों की नियुक्ति गलत तरीके से कर दी गई है। इस दौरान जैसे ही शिक्षकों का डेटा पोर्टल पर अपलोड होता है, वैसे ही उनके प्रमाण पत्रों एवं नियुक्ति की प्रक्रिया की सच्चाई का उजागर हो जाएगा। जिस कारण उनकी नौकरी पर भी आफत आ सकती है, इसलिए शिक्षक अपना डेटा ई-शिक्षा कोष पर अपलोड नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर सभी शिक्षकों को शैक्षणिक डेटा अपलोड करने का आदेश स्थापना डीपीओ के द्वारा 10 जुलाई 2023 को निकाला गया था। इसके साथ ही दो माहिने के बाद भी सभी शिक्षकों ने अपना डेटा अपलोड नहीं किया था। जिसके बाद डीपीओ द्वारा दूसरी बार 10 अक्टूबर 2023 को पत्र के माध्यम से सभी शिक्षकों को डेटा ई-शिक्षा कोष के पोर्टल पर लोड करने को कहा गया। उस समय भी सभी शिक्षकों ने अपना डेटा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर लोड नहीं किया।
वहीं, डीपीओ के द्वारा 3 नवंबर 2023 को पत्र के माध्यम से सभी शिक्षकों को एक माह के अंदर डेटा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया था। जिसके बावजूद भी करीब पांच हजार शिक्षक अपना डेटा ई-शिक्षा कोष के पोर्टल पर लोड नहीं किए हैं।
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