AKTU : MBBS ही नहीं अगले महीने से हिंदी में पढ़ाई जाएगी Engineering

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वाहन के बाद अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई को भी हिंदी में लाने की तैयारियां की जा रहे हैं. ये तैयारियां यूपी की डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) में हो रहे हैं. इस योजना को खासतौर पर हिंदी विद्यार्थियों के लिए चलाया जा रहा है. […]

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AKTU : MBBS ही नहीं अगले महीने से हिंदी में पढ़ाई जाएगी Engineering

Riya Kumari

  • October 29, 2022 5:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वाहन के बाद अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई को भी हिंदी में लाने की तैयारियां की जा रहे हैं. ये तैयारियां यूपी की डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) में हो रहे हैं. इस योजना को खासतौर पर हिंदी विद्यार्थियों के लिए चलाया जा रहा है.

प्रथम वर्ष के छात्र कर सकेंगे पढ़ाई

अब बीटेक की किताबों को भी एमबीबीएस की ही तरह हिंदी में अनुवाद किया जाएगा. इनमें से कई किताबों का हिंदी अनुवाद का काम किया जा चुका है. वहीं यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के अनुसार, इस सत्र से बीटेक प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिंदी में शुरू की जा सकती है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 15 अक्टूबर को MBBS के साथ-साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करवाने का ऐलान किया था. बता दें, सीएम योगी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया था, ‘UP में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कुछ पुस्तकों का हिंदी अनुवाद किया गया है. आने वाले सालों में प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों को हिंदी में पढ़ाया जाएगा.’

किताबों को हुआ अनुवाद

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने MBBS के तीन विषयों की किताबों को हिंदी में अनुवाद करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल की टीम बनाई थी. इस टीम में जैन रसायन, शरीर रचना और चिकित्सा शरीर विज्ञान जैसे विषयों को अनुवाद के लिए शामिल किया गया था. अब उत्तर प्रदेश में B.Tech की पढ़ाई भी हिंदी में होने जा रही है जिसकी शुरुआत अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी यानी AKTU से हो रही है.

शिक्षकों को भी मिलेगी ट्रेनिंग

सबसे पहले प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए हिंदी में B.Tech की पढ़ाई उपलब्ध होगी. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद इसी कड़ी में आगे काम कर रहा है. इतना ही नहीं हिंदी में पढ़ाई करवाने के लिए शिक्षकों को भी ट्रेनिंग देने की योजना बनाई गई है. इससे शब्दावली समझने में कोई परेशानी नहीं होगी. छात्रों के पास शिक्षा की भाषा चुनने का विकल्प भी होगा.

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