नई दिल्ली। भारत में प्रत्येक वर्ष काफी बड़ी संख्या में प्रतियोगी परिक्षाएं (Competitive Exams)आयोजित की जाती हैं। जिनमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के होने और तुलनात्मक रूप से पदों की संख्या कम होने के कारण किसी भी नौकरी में चयनित होना काफी मुश्किल होता है। हालांकि, कुछ परीक्षाएं(Competitive Exams) ऐसी भी हैं जो कि एक सुनहरे भविष्य की गारंटी भी देती हैं लेकिन इन परीक्षाओं को पास करने में प्रतिभागियों को कड़े परिश्रम, धैर्य और सूझ-बूझ का परिचय देना होता है। आइए जानते हैं देश की चार बड़ी स्तर की परीक्षाओं के बारे में।
सिविल सेवा परीक्षा को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित कराया जाता है। बता दें कि केंद्र सरकार के विभिन्न पदों, जैसे आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) आदि के लिए ये परीक्षाएं कराई जाती हैं। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है। जिनमें सफल उम्मीदवारों का प्रतिशत महज 0.1 से 0.3 प्रतिशत के करीब रहता है। दरअसल, विशाल व्याख्यात्मक पाठ्यक्रम और असाधारण रूप से कठिन चयन पद्धति के कारण, इसे काफी मुश्किल माना जाता है।
जेईई या संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एडवांस्ड) को भारत की सबसे कठिन चयन प्रक्रियाओं में से एक माना जाता है। इसके तहत छात्रों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी), भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए स्क्रीनिंग करनी पड़ती है। यह परीक्षा दो चरणों में कराई जाती है। जिसमें उम्मीदवारों को सबसे पहले जेईई मेन पास करना होगा ताकि वे जेईई एडवांस्ड के लिए योग्य हो सकें। जेईई मेन में लगभग 15 से 20 लाख स्टूडेंट्स शामिल होते हैं और इनमें से लगभग 2 लाख छात्र ही जेईई एडवांस के लिए चुने जाते हैं। जिसके बाद, करीब 11,000 छात्रों को भारत के शीर्ष आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।
ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) का उद्देश्य आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी और देश के अन्य शीर्ष स्कूलों द्वारा प्रस्तावित एमई/एमटेक जैसे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश को प्रोत्साहन देना होता है। ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग स्कोर को भारत सरकार के चयनित संगठनों द्वारा भी स्वीकार किया जाता है। इस परीक्षण का नेतृत्व भारतीय विज्ञान संस्थान और सात पुराने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (बॉम्बे, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास और रूड़की) में से एक के द्वारा किया जाता है।
कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) का आयोजन भारत में प्रमुख विश्वविद्यालयों या बी-स्कूलों – भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) और कुछ अन्य संस्थानों में प्रवेश को प्रोत्साहन देने के लिए किया जाता है। कॉमन एडमिशन टेस्ट (सीएटी) के लिए छात्रों की व्याख्या, तार्किक और मौखिक क्षमता योग्यता का परीक्षण किया जाता है। इसके अंतर्गत, लाखों उम्मीदवारों में से सिर्फ 2000 का ही चयन किया जाता है।
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