नई दिल्ली. CBSE NEET PG 2018: दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के परामर्श से भारतीय मेडिकल काउंसिल ने इस शैक्षणिक वर्ष में सभी चिकित्सा उम्मीदवारों को विदेशों में पढ़ाई की अनुमति दे दी है. साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि जो स्टूडेंट्स एनईईटी 2018 में शामिल नहीं हुए हैं विदेश में अध्ययन कर सकते हैं. लेकिन जो छात्र राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के लिए उपस्थित हुए थे और परीक्षा पास नहीं कर सके, वे विदेश जाने के लिए योग्य नहीं हैं.
NEET PG 2018 मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार निम्न छात्र विदेशों में अध्ययन करने के योग्य हैं
– जिन स्टूडेंट्स ने एनईईटी 2018 (NEET PG 2018) के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया था या इस परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे, विदेश में पढ़ाई करने के योग्य हैं.
– ऐसे छात्रों को विदेश संस्थानों में प्रवेश से पहले परिषद से योग्यता प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा.
– परिषद सीबीएसई से अपने विवेकानुसार सत्यापित कर सकती है कि क्या उपक्रम वास्तविक है या नहीं. यदि उपक्रम नकली / झूठी / नकली पाया जाता है, तो उम्मीदवारों के योग्यता प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी.
8 मार्च को एमसीआई ने नोटिस में उल्लेख किया था कि विदेशों में चिकित्सा का अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए एनईईटी अनिवार्य है. साथ ही प्रवेश परीक्षा के परिणाम को पात्रता प्रमाण पत्र के रूप में माना जाएगा. एनईईटी से पहले विदेश जाने वाले छात्रों को कक्षा 12 में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त होगा.
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