CBSE Board Exam 2019: पुराने पैटर्न पर ही होगा सीबीएसई की परीक्षा, बैकअप के लिए किया जाएगा इन्क्रिप्टेड प्रश्न-पत्र का इस्तेमाल

CBSE Board Exam 2019: सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी महीने में शुरू होंगी. इस बार भी परीक्षा पुराने तरीकों पर ही होगी. छात्रों को एक्जाम सेंटर पर ही हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी. डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न-पत्र की सुविधा सिर्फ बैकअप के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.

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CBSE Board Exam 2019: पुराने पैटर्न पर ही होगा सीबीएसई की परीक्षा, बैकअप के लिए किया जाएगा इन्क्रिप्टेड प्रश्न-पत्र का इस्तेमाल

Aanchal Pandey

  • January 27, 2019 11:43 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. CBSE Board Exam 2019: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं बोर्ड  पहले की तरह ही हार्ड कॉपी के जरिए परीक्षा कराएंगा. पेपर लीक होने से बचाने के लिए सीबीएसई डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न-पत्र का इस्तेमाल सिर्फ बैकअप के लिए  करेगा. पेपर लीक होने से बचाने के लिए  सीबीएसई पूरी परीक्षा ही डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न-पत्र  ऑप्शन पर विचार शुरू कर रहा है था लेकिन कुछ कारणों की वजह से यह सफल नहीं हो पाया. डबल इन्क्रिप्टेड पेपर सुविधा शुरू होती तो इसे एक्जाम से 30 मिनट पहले सेंटर पर ही प्रिंट किया जाता . ताकि पेपर आउट होने पर दूसरा प्रश्न-पत्र छात्रों वितरित किया जा सके.

सीबीएसई के 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा फरवरी से शुरू होंगी. पहले वैकेनल कोर्स की परीक्षाएं होगी उसके बाद मार्च में शैक्षणिक विषयों की परीक्षाएं होगी. 2018 में पेपर लीक होने की वजह से सीबीएसई बोर्ड पर सवाल उठाने लगे थे. पेपर आउट की घटनाओं को रोकने लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक कमेटी गठित किया था. इस कमेटी ने सीबीएसई बोर्ड एक्जाम की परीक्षाओं को लेकर कई तरह के सुझाव दिया था. इसमें एक सुझाव यह था कि जिसमें प्रश्न-पत्र को परीक्षा सेंटर पर प्रिंट करने की बात की गई थी. अगर यह सुविधा शुरू होती तो हर प्रश्न-पत्र को एक्जाम सेंटर पर मेल के जरिए भेजा जाता. इसमें हर प्रश्न-पत्र की कोडिंग और पॉसवर्ड अलग होता और पेपर लीक जैसी स्थिती में सीबीएसई आधिकारी इन्हें ट्रैक भी कर सकते थे. लेकिन अब अब इस व्यवस्था को सिर्फ बैकअप के तौर पर रखा जाएगा.

इस सुविधा के लागू न हो पाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि जो स्कूल पिछड़े इलाकों में हैं वहां पर सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में इन जगहों पर पेपर भेजना असंभव था. दूसरी बात प्रत्येक सेंटर पर कम से कम 1 हजार से ज्यादा छात्र होते हैं ऐसे में इतनी ज्यादा संख्या में पेपर प्रिंट करने में 30 मिनट से ज्यादा का वक्त लग जाता. इस वजह से सीबीएसई ने इस योजना को कैंसिल कर दिया है. इसको सिर्फ बैकअप के तौर पर इश्तेमाल किया जाएगा.

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