नई दिल्ली. परीक्षाओं का मौसम शुरू हो गया है ऐसे में बीते दिन यानी बुधवार से ( CBSE 12th Exam ) CBSE बारहवीं की पहली टर्म की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. इस क्रम में कल सबसे पहले समाजशास्त्र की परीक्षाएँ आयोजित की गई. इस परीक्षा में एक ऐसा सवाल पुछा गया जिससे सोशल मीडिया […]
नई दिल्ली. परीक्षाओं का मौसम शुरू हो गया है ऐसे में बीते दिन यानी बुधवार से ( CBSE 12th Exam ) CBSE बारहवीं की पहली टर्म की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. इस क्रम में कल सबसे पहले समाजशास्त्र की परीक्षाएँ आयोजित की गई. इस परीक्षा में एक ऐसा सवाल पुछा गया जिससे सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. दरअसल, सीबीएसई ने समाजशास्त्र के पेपर में पूछा 2002 में गुजरात में मुस्लिम विरोधी दंगा किस सरकार ने करवाया था. बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर इस प्रश्न को लेकर भारी बवाल मच गया.
बीते दिन CBSE की बारहवीं की परीक्षा में समाजशास्त्र के पेपर में एक ऐसा प्रश्न पुछा गया जिससे सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा हो गया. समाजशास्त्र के प्रश्नपत्र में बहुवैकल्पिक सवाल में यह पूछा गया था कि वर्ष 2002 में अभूतपूर्व पैमाने पर मुस्लिम विरोधी हिंसा किस सरकार के शासन में हुई, इस प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प दिए गए थे- कांग्रेस, भाजपा, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन. इस प्रश्न को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जताई. लोगों का कहना था कि सीबीएसई ऐसे प्रश्नों को पूछकर बच्चों के मन में साम्प्रदायिक भेद-भाव को बढ़ावा दे रही है.
वहीं, सोशल मीडिया पर मचे बवाल के बाद सीबीएसई ने अपनी सफाई देते हुए ट्वीट कर लिखा,
The CBSE guidelines for paper setters clearly state that they have to ensure the questions should be academic oriented only and should be class, religion neutral and should not touch upon domains that could harm sentiments of people based on social and political choices.
— CBSE HQ (@cbseindia29) December 1, 2021
बोर्ड के दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रश्नपत्र को बनाते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि सवाल अकादमिक के हिसाब से, वर्ग और समुदाय निष्पक्ष होना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी भी सवाल से छात्रों के सामाजिक और राजनीतिक पक्ष को ठेस न पहुंचे. बाहरी विशेषज्ञ ने प्रश्न बनाते हुए इस बात का ध्यान नहीं रखा. हम इस घटना से संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
खाली पेपर सेटर पर दोष डाल देने से कुछ नहीं होगा गलती आप के सीबीएसई के अंदर बैठे अधिकारियों की भी है।
— 🍯FaBA🐝 फाबा (@MukeshPathakji) December 2, 2021
सोशल मीडिया पर इस प्रश्न को लेकर काफी हंगामा मच गया, लोगों ने सीबीएसई को खूब खरी-खोटी सुनाई और बच्चों के बीच धर्म के नाम पर हिंसा की भावना भड़काने का आरोप लगाया. वहीं, कुछ लोगों ने लिखा कि सीबीएसई दो समुदायों के बीच जहर फैलाने का काम कर रही है.