नई दिल्ली. 12वीं के नतीजे आ गए हैं जिसके बाद छात्र अपने बेहतर करियर के लिए ऑप्शन ढूंढ रहे हैं. PCM (फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स) स्ट्रीम से इंजीनियरिंग के अलावा काफी ऐसे विकल्प हैं जिनमें छात्र ग्रेजुएशन करके अपने करियर को बेहतर बना सकते हैं. आईईटी, एनआईटी और बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग के साथ ही मर्चेंट नेवी, आर्किटेक्चर, नेशनल डिफेंस सर्विस, कमर्शियल पायलट, ऑनर्स कोर्सेज, एथिकल हैकिंग, बैंक पीओ जैसे कुछ ऑप्शन है, जिनमें आप कैरियर बना सकते हैं. साथ ही मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री में ऑनर्स यानी स्नातक करने का ऑप्शन भी आपके पास है. साइंस सब्जेक्ट में ऑनर्स करने के बाद भी नौकरियां लग सकती हैं और अगर आपका 3 वर्षों के दौरान परफॉर्मेंस अच्छा रहा है तो कॉलेज से ही आपका अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट भी हो सकता है. साइंस से ग्रैजुएशन करने के बाद भी आप बैंक पीओ, यूपीएससी, एसएससी, रेलवे समेत अन्य सरकारी नौकरियों की तैयारी कर सकते हैं और इनमें अप्लाई कर सकते हैं.
इंजीनियरिंग
जिन छात्रों ने 12वीं में पीसीएम से पढ़ाई की है वह इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं. देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का पिछले एक से डेढ़ दशक में जितना विस्तार हुआ है, उतना शायद किसी और कोर्स का नहीं हुआ. यह कोर्स मैथ्स के छात्रों में अधिक लोकप्रिय माना जाता है. इंजीनियरिंग लाइन में कैरियर बनाने के बहुत सारे विक्लप हैं- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, औधोगिक इंजीनियरिंग, इनफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी, इंस्टूमेंटल एवं कंट्रोल इंजीनियरिंग, माइनिंग इंजीनियरिंग, मरीन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, न्यूकलियर इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग छात्र अपने इंटरेस्ट के हिसाब से चुन सकते हैं. इस कोर्स के लिए आईआईटी जेईई का ऑप्शन होता है. इसके जरिए देश के तमाम बड़े कॉलेजों में दाखिला लिया जा सकता है. कुछ प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज अलग से अपना एंट्रेंस एग्साम भी करवाती हैं.
आर्किटेक्चर
ऊंची-ऊंची इमारतें, मल्टीप्लेक्सें, कलात्मक और भव्य मंदिरों के निर्माण कार्यों को अंजाम देने का काम आर्किटेक्चर का ही होता है. आर्किटेक्ट के लिए प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में रोजगार पाने की संभावना है. पब्लिक सेक्टर में लोक निर्माण, सिंचाई, स्वास्थ्य जैसे विभागों में आर्किटेक्ट की मांग लगातार बनी हुई है. इस कोर्स के लिए स्टूडेंट्स की मैथ्स और फिजिक्स पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए. साथ ही स्टूडेंट्स में स्केच और डिजाइन की भी रुचि होना जरूरी है. एक आर्किटेक्ट के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल के साथ-साथ डेस्क और साइट पर काम करने की भी काबिलियत होनी चाहिए. पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर आप आर्किटेक्चर में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं. स्पेशलाइजेशन में आप अर्बन डिजाइन, रीजनल प्लानिंग, बिल्डिंग इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, आर्किटेक्चरल कंजर्वेशन जैसे कोर्स का चयन कर सकते हैं.
मर्चेंट नेवी
मर्चेंट नेवी में करियर बनाने के लिए 12वीं के बाद ही पीसीएम वाले स्टूडेंट्स ये कोर्स कर सकते हैं. मर्चेंट नेवी का करियर नौसेना से अलग है. मर्चेंट नेवी में यात्री, तेल रेफ्रेजरेटेड जहाज, मालवाहक जहाज आते हैं. मर्चेंट नेवी का काम इनके संचालन से जुड़ा होता है. इस क्षेत्र में सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों के शिपिंग कंपनियों में नौकरी पाने का भी मौका मिलता है. मर्चेंट नेवी में नौकरी के लिए कई संस्थान कोर्स संचालित करते हैं. इनमें नवी मुंबई में स्थित ट्रेनिंग शिप चाणक्य, चेन्नई में स्थित इंडियन मेरिटाइम यूनिवर्सिटी, कोलकाता स्थित मरीन इंजीनियरिंग एंड रिसर्च संस्थान आदि है.
नेशनल डिफेंस सर्विस
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, भारतीय सशस्त्र सेना की एक संयुक्त सेवी अकादमी है. इसमें तीनों सेवाएं थलसेना, नौसेना और वायुसेना के कैंडिडेटों को प्रशिक्षण दिया जाता है. यह अकादमी महाराष्ट्र में है. यूपीएससी द्वारा आयोजित लिखित परिक्षा के माध्यम से एनडीए के आवेदकों का चयन किया जाता है. इस कोर्स के लिए छात्रों के पास 12वीं में मैथ्स होना आवश्यक है.
कमर्शियल पायलट
अगर आप भी अपने सपनों को ऊंची उड़ान देना चाहते हैं तो यह कोर्स आपके लिए है. इस कोर्स के तहत ट्रेनीज को ग्राउंड ट्रेनिंग, सिम्युलेटर ट्रेनिंग, फ्लाइंग ट्रेनिंग दी जाती है. आईजीआरयूए के सीपीएल कोर्स में आवेदन के लिए जरूरी है कि आवेदक ने 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स में कम से कम 55 प्रतिशत अंक हासिल किए हों. साथ ही अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ हो. इसके अलावा मैडिकल फिटनेस भी बेहद जरूरी है. आईजीआरयूए के सीपीएल कोर्स में प्रवेश के लेए एंट्रेंस एग्जाम पास करना जरूरी है.
ऑनर्स कोर्सेज
पीसीएम स्ट्रीम वाले स्टूडेंट अगर इंजीनियरिंग नहीं करना चाहते तो आप अंडरग्रेजुएट कोर्सेज से ऑनर्स की डिग्री ले सकते हैं. फिजिस्क्स (ऑनर्स), केमेस्ट्री (ऑनर्स), मैथ्स (ऑनर्स), कंप्यूटर साइंस (ऑनर्स), बीएससी फिजिकल साइंस एनलिटिकल केमेस्ट्री (ऑनर्स), इंडस्ट्रीयल केमेस्ट्री (ऑनर्स) जैसे कोर्स कर सकते हैं.
एथिकल हैकिंग
एथिकल हैकिंग का काम कंप्यूटर और नेटवर्क से संबधित तकनीकियों का होता है. इनका काम कंप्यूटर सिक्योरिटी उत्पाद बनाने वाली कंपनी के लिए किसी निर्धारित कंप्यूटर सिस्टम पर हमला करना होता है, ताकि सिस्टम उन कमियों का पता लगा सके, जिन्हें तलाशकर हैकर साइबर अपराधों को अंजाम देते हैं. एक प्रकार से एथिकल हैकर भी हैकरों जैसा ही काम करते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य किसी कंप्यूटर को नुकसान पंहुचाना नहीं होता. उनका काम सिस्टम को पहले से और ज्यादा सुरक्षित बनाना होता है. इसके लिए कंप्यूटर सांइस, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी या कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री होना जरुरी है.
(आवश्यकः इस आर्टिकल में स्टूडेंट्स को जो भी जानकारियां दी जा रही हैं, वे एक्सपर्ट की सलाह नहीं हैं. इसलिए पाठकों से गुजारिश है कि वे गूगल पर संबंधित कोर्स, करियर ऑप्शन और स्ट्रीम वाइज ग्रैजुएशन सब्जेक्ट ऑप्शन की डिटेल जानकारी जरूर देख लें.)
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