नई दिल्ली. बीटीसी 2015 की परीक्षा शुरू होने से पहले सभी विषयों के लीक होने की खबर से हड़कंप मच गया है. आनन-फानन में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी होने वाली परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है. ऐसे में करीब 72 हजार से अधिक बीटीसी प्रशिक्षुओं का भविष्य अधर में लटक गया है. बता दें कि इस परीक्षा के निरस्त होने की वजह से ये सभी प्रशिक्षु दिसंबर में होने जा रही 95 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा नहीं दे सकेंगे.
हालांकि, ये लोग अपीयरिंग के आधार पर 4 नवंबर को प्रस्तावित टीईटी 2018 में तो शामिल हो सकेंगे लेकिन बीटीसी के चौथे सेमेस्टर के पूरा ना होने की वजह से शिक्षक भर्ती परीक्षा नहीं दे पाएंगे. गौरतलब है सोमवार को परीक्षा से पहले ही रविवार की शाम ही तीन दिनों में आयोजित होने वाले सभी सात सब्जेक्ट्स के प्रश्व पत्र यूपी के कौशाम्बी जिले में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. ऐसे में जब मामला अधिकारियों की संज्ञान में आया तो पहली पाली के खत्म होने पर पेपरों का वायरल पेपर से मिलना किया गया जो सही निकला.
जब इस बात की पुष्टि हुई तो डीआईओएस ने संबंधित जानकारी शिक्षा विभाग के आला-अधिकारियों और जिलाधिकारी को दी. इस मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि सभी प्रश्न पत्रों का मिलान कर पेपर लीक की पुष्टि की गई. इस मामले में डीआईओएस को रिपोर्ट कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया. परीक्षा की अगली तारीख बाद में घोषित की जाएगी.
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