नई दिल्ली : युवाओं को रोजगार के लिए स्किल्ड बनाने और उनके प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार द्वारा आईआईटी मद्रास और देश-दुनिया के नामी उद्योगों के सहयोग से शुरू किए गए स्वयं प्लस डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म से 6 महीने में एक लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। केंद्र सरकार ने रोजगार की […]
नई दिल्ली : युवाओं को रोजगार के लिए स्किल्ड बनाने और उनके प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार द्वारा आईआईटी मद्रास और देश-दुनिया के नामी उद्योगों के सहयोग से शुरू किए गए स्वयं प्लस डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म से 6 महीने में एक लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।
केंद्र सरकार ने रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए रोजगार लक्षी कोर्स की पहचान कर उद्योगों की जरूरत के हिसाब से डिजिटल माध्यम से लोगों तक पहुंचने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया। इस प्लेटफॉर्म के हालिया आंकड़ों से पता चला है कि इन 1 लाख सक्रिय डिजिटल लर्नस में से 78 फीसदी गैर-मेट्रो या छोटे शहरों से हैं। इनमें से 58 फीसदी डिजिटल लर्नस कॉलेज के छात्र हैं जबकि 22 फीसदी नौकरीपेशा लोग हैं जो अपनी क्षमताओं को निखार कर अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लक्ष्य को पूरा करने में लगे हैं।
स्वयं प्लस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने बाजार की मांग के अनुरूप माइक्रोसॉफ्ट, वाधवानी फाउंडेशन, टीसीएस, 360 डिजी और एलएनटी एडु टेक जैसी इंडस्ट्रीज के साथ 55 एमओयू साइन किए हैं। यह अब तक 11000 लोगों को इंटर्नशिप दिलाने में भी सफल रहा है। इस समय यह प्लेटफॉर्म 320 लाइव प्रोग्राम चला रहा है, जिनमें से 60 क्रेडिट अलाइन्ड हैं। यानी इन कोर्स में करियर बनाने की क्षमता और हुनर के साथ-साथ सीखने को भी क्रेडिट मिलता है।
स्वयं पोर्टल पर भी जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। खास बात यह है कि भारत की डिजिटल शिक्षा क्रांति के चेहरे के रूप में लॉन्च किया गया स्वयं प्लस जिस मूल प्लेटफॉर्म का हिस्सा है, वह भी लगातार बढ़ रहा है। अकेले शैक्षणिक सत्र 202-24 के दौरान स्वयं प्लेटफॉर्म पर 75 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं, जो 2022-23 की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि लगातार बढ़ते समन्वय और 320 लाइव पाठ्यक्रमों का संचालन यह दर्शाता है कि देश के लोगों, खासकर युवाओं का केंद्र सरकार की इस डिजिटल शिक्षा क्रांति के प्रति विशेष सकारात्मक रुख है।
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