AIIMS JIPMER Exam Through NEET 2020, AIIMS or JIPMER ki Pariksha ab NEET ke saath: मेडिकल कॉलेज एम्स और जेआईपीएमईआर की प्रवेश परीक्षा भी नीट के तहत होंगी. ये परिक्षाएं साल 2020 से एक साथ देनी होंगी. ये सभी मेडिकल एग्जाम एमबीबीएस और बीडीएस स्नातक कोर्स में एडमिशन लेने के लिए है. डॉ हर्ष वर्धन ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, 2020 से सभी 15 ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, एम्स राज्यों में और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, जेआईपीएमईआर पुडुचेरी में, नीट-यूजी के माध्यम से एमबीबीएस / बीडीएस पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देंगे.
नई दिल्ली. AIIMS JIPMER Exam Through NEET 2020: साल 2020 से, सभी 15 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स राज्यों में और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, जेआईपीएमईआर पुदुचेरी में, राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-अंडर ग्रेजुएट, नीट की परीक्षा के बाद एमबीबीएस / बीडीएस पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश दिए जाएंगे. ये प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए करीब 1,600 सीटें बढ़ा देगा. 539 मेडिकल कॉलेजों में स्नातक मेडिकल सीटों के तहत भारत में लगभग 76,000 सीटे हैं. राष्ट्रीय महत्व के अन्य संस्थानों, आईएनआई की तरह, एम्स और जेआईपीएमईआर पुड्डुचेरी संसद के एक अलग अधिनियम द्वारा शासित थे जिस कारण ये अपने पाठ्यक्रमों के लिए अपनी राष्ट्रीय-स्तरीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए पात्र थे.
नियमों के बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा, नए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तहत, जो गठित होने की प्रक्रिया में है, कोई एकाधिक प्रवेश परीक्षा नहीं होगी. हम एक परीक्षा कर रहे हैं और इसमें एम्स और अन्य ऐसे संस्थान शामिल हैं जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं. ये अगले साल से शुरू होगा. जेआईपीएमईआर में स्नातक की सीटें लगभग 200 हैं. 15 एम्स हैं जो वर्तमान में 1,212 सीटों पर एडमिशन लेते हैं. इसमें आरक्षित छात्रों के लिए सीटें शामिल हैं. अगले शैक्षणिक सत्र से चार और एम्स के स्नातक स्तर पर छात्रों के संचालन और स्वीकार करने की संभावना है ये एम्स में लगभग 200 और एमबीबीएस / बीडीएस सीटें जोड़ देगा.
साथ ही नेशनल एग्जिट टेस्ट, नेक्स्ट आयोजित करने का भी प्रावधान है. ये भारत में काम या अध्ययन करने के इच्छुक विदेशी मेडिकल स्नातकों के लिए परीक्षा होगी. इसके परिणाम भी देश में मेडिकल कॉलेजों को रैंक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मानदंडों में से एक होगा. भारत में काम करने वाले 539 मेडिकल कॉलेजों में से 279 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. एनएमसी गठित होने के तीन साल के भीतर परीक्षण लागू होने की संभावना है.
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