7th Pay Commission: 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और समकक्ष सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है. पहले अनुमान था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन में वृद्धि का तोहफा दे सकते हैं. लेकिन पीएम मोदी ने 15 अगस्त को इस प्रकार का कोई ऐलान नहीं किया.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission: 50 लाख केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों और समान संख्या में सेवानिवृत्त लोगों को एक बड़ी निराशा हाथ लगी है. 15 अगस्त से पहले अटकलें लगाई दजा रही थीं कि कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस अवधि में अपने अंतिम स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन में वृद्धि का तोहफा दे सकते हैं. लेकिन पीएम मोदी ने इस प्रकार की कोई घोषणा लालकिले के प्राचीर से नहीं की. बता दें कि 12 अगस्त से पहले ऐसी खबरों के कारण 50 लाख सरकारी कर्मचारी 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन और फिटनेस कारक में वृद्धि की प्रतीक्षा कर रहे थे.
माना जा रहा था कि अच्छे मानसून और सकारात्मक आर्थिक कारणों को देखते हुए आम चुनाव से कुछ महीने पहले पीएम मोदी सकारात्मक घोषणा कर सकते हैं. बता दें कि वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने लोकसभा में पहले कहा था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन में कोई वृद्धि करने की योजना नहीं बना रही है. हालांकि हरियाणा सरकार ने सरकारी विश्वविद्यालयों, सरकारी विश्वविद्यालयों और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में 1,2016 जनवरी से शिक्षण और गैर-शिक्षा कर्मचारियों के वेतनमान अनुशंसाओं को मंजूरी दी थी. जिसके बाद इस प्रकार की संभावनाओं को बल मिला था.
महाराष्ट्र सरकार ने 17 लाख राज्य कर्मचारियों के लिए जनवरी 2019 से 7 वें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि की घोषणा की है. जाहिर है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी भी कुछ सकारात्मक खबरों की उम्मीद कर रहे थे. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन वृद्धि की उम्मीद में सेंट्रल बैंक से ही झटका लग सकता है. इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 25 आधार अंकों के साथ 6.5% तक बढ़ाने का फैसला किया.