7th Pay Commission News, Saatvan Vetan Aayog: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें भी देश के बाकि राज्यों की तरह सातवें वेतन आयोग के अनुसार सैलेरी मिलेगी. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी कर्मचारियों को 31 अक्टूबर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन और अन्य लाभ मिलेंगे. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को सभी सातवें सीपीसी भत्ते के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission News: केंद्र सरकार के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि नए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन और अन्य लाभ मिलेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में गृह मंत्री, अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को सभी सातवें सीपीसी भत्ते के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आएगा. केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने और दो संघ राज्य क्षेत्रों में इसके विभाजन की घोषणा की थी.
4.5 Crore Employees will get benefit, 4.5 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिए हैं. सातवें वेतन आयोग को अनुमति देने के केंद्र के फैसले से इन दो क्षेत्रों में कम से कम 4.5 सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा. गृह मंत्री अमित शाह ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार का मानना है कि यह कदम कश्मीरियों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. इस कदम से उन 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा जो मौजूदा राज्य जम्मू और कश्मीर में काम कर रहे हैं और 31 अक्टूबर, 2019 से जम्मू-कश्मीर और यूटी के लद्दाख के कर्मचारी बन जाएंगे.
Benefits as per Seventh Pay Commission, सातवें वेतन आयोग के तहत मिलेंगे ये फायदे
इसका वार्षिक वित्तीय निहितार्थ अस्थायी रूप से 4,800 करोड़ रुपये होगा और यह 4.5 लाख कर्मचारियों के लिए बाल शिक्षा भत्ता, छात्रावास भत्ता, परिवहन भत्ता, एलटीसी, फिक्स्ड मेडिकल भत्ता और अन्य के रूप में होगा. बाल शिक्षा भत्ता 607 करोड़ रुपये आंका गया है, छात्रावास भत्ता 1,823 करोड़ रुपये है, ट्रांसपोर्ट अलाउंस 1,200 करोड़ रुपये, लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) 1,000 करोड़ रुपये और फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस 108 करोड़ रुपये होंगे. जबकि अन्य भत्तों के लिए 62 करोड़ रुपये रखे गए हैं.
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