7th Pay Commission New Updates: देश के सवा करोड़ से अधिक सरकारी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को काफी समय से न्यूनतम वेतन में वृद्धि का इंतजार है. सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार इन कर्मचारियों की मांगों पर अंतिम फैसला ले चुकी है. लेकिन बस ऐलान होना बाकी है. माना जा रहा है कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि तो होगी, लेकिन कर्मचारियों की मांगों के अनुरुप नहीं होगी.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission New Updates: देश भर में 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख से अधिक पेंशनभोगी पिछले कई महीनों से 7वें वेतन आयोग के अनुसार निर्धारित न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं. इन कर्मचारियों की ये मांगें जल्दी ही पूरी होती दिख रही है. माना जा रहा है कि 10 दिसंबर को 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद या फिर 26 जनवरी के मौके पर मोदी सरकार इसका ऐलान कर सकती है. वित्त मंत्रालय के उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा उनकी मांगों के अनुरुप नहीं होगा. सरकार ने मौजूदा न्यूनतम वेतन और कर्मचारियों की मांगों के बीच का रास्ता निकाला है.
पहले उम्मीद थी कि दशहरा और दिवाली के मौके पर केंद्र सरकार कर्मचारियों को मिनिमम पे स्केल में बढ़ोत्तरी का तोहफा दे सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि सरकार ने डीए में दो फीसदी वृद्धि करके कर्मचारियों की नाराजगी कम करने की कोशिश की है. लेकिन बावजूद इसके कर्मचारियों में मोदी सरकार के खिलाफ निराशा और नाराजगी बनी हुई है. वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 9% का डीए मिल रहा है, जिसमें हाल में 2% की वृद्धि हुई थी. मौजूदा न्यूनतम वेतन वाले कर्मचारी (18,000 रुपये) को अब 1620 रुपये का डीए और मिलेगा.
केंद्र सरकार ने 01 जनवरी 2016 को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम वेतनमान तय और लागू किया था. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 और क्लास वन के अधिकारियों के लिए 17 तय किया गया था. इसके अनुसार कर्मचारियों के लिए मिनिमम पे स्केल 18000 रुपये और अधिकारियों के लिए 2,25,000 तय किया गया था. 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से ही कर्मचारी और कई कर्मचारी संगठन इसका विरोध करते रहे हैं. मई-जून 2018 में कर्मचारी संगठनों ने मोदी सरकरा के विरोध में प्रदर्शन किया था.
कर्मचारियों की मांग है कि उनके फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 किया जाएं. इसके अनुसार न्यूनतम वेतन 18000 रुपये से बढ़कर 26000 रुपये हो जाएगा. लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार 26000 रुपये न्यूनतम वेतनमान की मांग को पूरा करने के मूढ़ में नहीं. माना जा रहा है कि मोदी सरकार न्यूनतम वेतन को 18000 रुपये से बढ़ाकर 21000 रुपये कर सकती है.
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