नई दिल्ली. होली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने जोर का झटका दिया है. दरअसल विश्व भारती सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने वहां पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए एक नोटिस जारी किया है. जारी नोटिस की मानें तो इस महीने यानी कि फरवरी में कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी जाएगी. फरवरी महीने की सैलरी कर्मचारियों को देर में जाएगी. हालांकि यूनिवर्सिटी की तरफ से अभी तक सैलरी देने की तिथि नहीं बताई गई है. यूनिवर्सिटी के इस फैसले की वजह से कर्मचारियों को जोर का झटका लगा है. जिसकी वजह से कर्मचारी काफी परेशान हैं.
गौरतलब है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ानें वाले प्रोफेसर और नॉन-टिचिंग स्टाफ की सैलरी हर महीने की आखिरी में यानी कि 30 तारीख को आ जाती है, लेकिन इस बार इस सैलरी में देरी होगी. यूनिवर्सिटी द्वारा यह फैसला फंड की वजह से लिया गया है. यूनिवर्सिटी के सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो इस महीने सैलरी देरी से आएगी.
वेतन आयोग के एक कर्मचारी ने कहा है कि वेतन का अनुदान नहीं मिला है, लेकिन कर्मचारियों को किसी तरह फंड इकट्ठा करके सैलरी दी जाएगी. एक अधिकारी की मानें तो विश्वभारती यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए 166 करोड़ रुपये हर महीने जरूरत होती है. एक अन्य सूत्र की मानें तो यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को अगले कुछ महीने तक इसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
बदा दें, केंद्रीय कर्मचारी पिछले वर्ष से ही अपने न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. पहले ऐसा माना जा रहा था कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर देगा, लेकिन चुनाव बाद फिर इस मुद्दें को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
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