7th Pay Commission: 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा बेसिक वेतन की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांगों में से एक को मोदी सरकार की मंजूरी मिल गई है. यहां जानें डिटेल्स...
नई दिल्ली. 7th Pay Commission: देश के 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी पिछले काफी समय से 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे थे. जिस पर अभी तक सरकार की ओर से कोई ऐलान नहीं किया गया है. वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांगों में से एक पर सहमति जता दी है. कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पर आधारित नई पेंशन योजना (NPS) को पुरानी पेंशन योजना (OPS) से बदलने की मांग कर रहे थे. अब दिल्ली सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा देते हुए दिल्ली विधानसभा में नई पेंशन योजना को पुरानी पेंशन योजना से बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है.
दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को पारित प्रस्ताव के अनुसार 26 नवंबर 2018 को विधानसभा में भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि मोदी सरकार तत्काल प्रभाव से नई पेंशन स्कीम को खत्म करके दिल्ली एनसीआर में काम कर रहे सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर से सभी सुविधाओं के साथ पुरानी पेंशन स्कीम लागू करें. नई पेंशन योजना की कुछ खामियां.
1- नो गारंटी
पुरानी पेंशन योजना के विपरीत नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों को निवेश पर एशोयर्ड रिटर्न या न्यूनतम पेंशन की कोई गारंटी नहीं देता है.
2- कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं
एनपीएस पारिवारिक पेंशन या सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं करता है.
3- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली – आवश्यकता होने पर कोई ऋण नहीं
नई पेंशन स्कीम जरूरत पड़ने पर ऋण सुविधा प्रदान नहीं करता है.
4- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली – नो डीए
नई पेंशन स्कीम वार्षिक वृद्धि और डीए पर वृद्धि प्रदान नहीं करता है.
5- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली – मेडिकल इमरजेंसी में कोई पैसा नहीं
एनपीएस कर्मचारियों को मेडिकल इमरजेंसी को पूरा करने के लिए अपने पेंशन फंड से पर्याप्त धन वापस लेने की अनुमति नहीं देता है.
6- नेशनल पेंशन सिस्टम – शेयर बाजार की दया पर कर्मचारी
एनपीएस कर्मचारियों को शेयर बाजारो और उन ताकतों की दया पर छोड़ देता है जो बाजार में छेड़छाड़ कर रहे हैं.
7- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली – ड्रैकोनियन प्रतिबंध
एनपीएस पेंशन फंड से निकासी पर draconian प्रतिबंध लगाता है.
8- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली – बीमा कंपनियां शोषण करती हैं
एनपीएस बीमा कंपनियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी कम से कम दस वर्षों तक वार्षिकी खरीदने के लिए मजबूर करने के साथ कर्मचारियों का शोषण करने की अनुमति देता है, और संविधान में निहित कल्याणकारी राज्य की भावना के विपरीत चलता है.
9- ‘केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के लिए ओपीएस बहाल करें’
दिल्ली विधानसभा ने भारत सरकार के लिए काम कर रहे सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के लाभ को बहाल करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया है.
10. पेंशन राजनीति
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे एनपीएस को ओपीएस से बदलने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे अन्य गैर-बीजेपी शासित राज्यों से अपील करेंगे.
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