नई दिल्ली. 7th Pay Commission: देश की 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों की 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन की मांग को मोदी सरकार ने फिलहाल अभी तक स्वीकर नहीं किया है. जिसके कारण सरकारी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. न्यूनतम वेतन को 18000 से 26000 बढ़ाने की मांग को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और कर्मचारी संगठनों ने पिछले दिनों सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. हालांकि इस प्रदर्शन का कोई नतीजा नहीं निकला था.
वहीं कर्मचारियों के इस मुद्दे पर एक अधिकारी का कहना है कि विरोध इस समस्या का समाधान नहीं है। ये मुद्दा लाखों लोगों से संबंधित है और इस पर निर्णय रात भर नहीं लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार को भी उनकी चिंता है. जल्द ही कर्मचारियों की मांगों पर सरकार अपना रुख स्पष्ट करेगी. वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि हम नवंबर के अंत तक कुछ बड़ी घोषणाओं की योजना बना रहे हैं. इसे चरणबद्ध तरीके से घोषित किया जाएगा.
इस बीच हरियाणा, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ दे दिया गया है. बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन को 18000 से बढ़ाकर 26000 किया जाएं.
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