7th pay commission: काफी लंबे समय से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा वेतन वृद्धि की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे देश के 55 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को जल्द ही वेतन में बढ़ोत्तरी का लाभ मिलने जा रहा है. मोदी सरकार कई राज्यों में होन वाले विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए इस त्योहरी सीजन में इसका ऐलान कर सकती है.
नई दिल्ली. 7th pay commission: केंद्र सरकार में कार्यरत देश के 55 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी पिछले काफी समय से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे वेतन वृद्धि और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं. अपनी इन मांगों को लेकर कर्मचारियों ने पिछले दिनों काफी प्रदर्शन भी किए थे. लेकिन अब उनकी मेहनत रंग लाती दिख रही है.
देश में केंद्र सरकार के खिलाफ बनते माहौल और कई राज्यों के साथ 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों को मानने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा रही है. सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों की मांगों को लेकर विचार-विमर्श अंतिम दौर में है. किसी भी समय मोदी सरकार इसका ऐलान कर सकती है. लेकिन माना जा रहा है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की मांग (न्यूनतम 26000 वेतन) से कम न्यूनतम वेतन 20000 करने पर विचार कर रही है.
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिन्हा ने भी कर्मचारियों को इसको लेकर आश्वासन दिया था. 2019 के आम चुनावों से पहले केंद्र वेतन वृद्धि का ऐलान कर सकती है. केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 2.57 गुना फिटनेस कारक के आधार पर वेतन मिल रहा है, जिसके अनुसार न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये निर्धारित है.
केंद्र सरकार के कर्मचारी 3.68 गुना के फिटनेस कारक द्वारा न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तय करने की मांग कर रहे हैं. देश में लगभग 48.41 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 61.17 लाख पेंशनभोगी हैं.
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