7th Pay Commission: देश के 50 लाख से ज्यादा सरकारी केंद्रीय कर्मचारी और 60 लाख से ज्यादा पेंशनभोगी पिछले काफी समय से न्यूनतम वेतन का निर्धारण करने वाले फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम पे में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं. इसके लिए इन कर्मचारियों ने सितंबर में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. सूत्रों के अनुसार सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए नया फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन भी तय किया है, लेकिन कर्ंचारी संगठन इससे भी खुश नहीं दिख रहे हैं.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission: देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारी 7 वें वेतन आयोग की सिफारिश से परे फिटनेस कारक में वृद्धि और न्यूनतम वेतन में संशोधन की सरकार से मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि 7वें वेतन आयोग के आधार पर निर्धारित फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की जाएं. बता दें कि अभी 7वें वेतन आयोग के अनुसार फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित है, जिसके अनुसार न्यूनतम वेतन 18000 है. इसे मोदी सरकार ने 1 जनवरी 2016 से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू किया हुआ है.
अगस्त- सितंबर 2018 में दर्जनों केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के बैनर तले हजारों कर्मचारियों ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 करने की मांग की थी. केंद्रीय कर्मचारियों की मांग थी कि न्यूनतम वेतन को 18000 से बढ़ाकर 26000 किया जाएं. लेकिन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की इन मांगों को नकार दिया था. लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री ने अपने एक बयान में कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे बेसिक न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की कोई योजना नहीं बना रही है.
लेकिन इस साल के अंत में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय के उच्च सूत्रों के अनुसार सरकार ने नया फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन निर्धारित कर लिया है. लेकिन 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के कारण अभी इसकी घोषणा नहीं की जा सकती है. सरकार जनवरी 2019 में इसका ऐलान कर सकती है.
सूत्रों के अनुसार सरकार ने न्यूनतम वेतन, केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों से कम 21000 तय किया है. जबकि सरकारी कर्मचारियों की मांग थी कि न्यूनतम वेतन को 26000 किया जाए. बस इसी को लेकर कर्मचारी खुश नहीं है. एक कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सरकार अगर 21000 रुपए न्यूनतम वेतन करती है तो ये हमें स्वीकार नहीं है. सरकार को हमारी मांगे पूरी करनी होंगी.
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