7th Pay Commission: 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे कर्मचारियों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होते देख केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया है. इसके लिए कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए जनजागरण अभियान शुरु किया है.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission: देश के सवा करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी काफी लंबे समय से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा वेतन की मांग कर रहे हैं. अपनी इन मांगों को लेकर कर्मचारियों ने कई कर्मचारी संगठनों के बैनर तले मई- जून 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. बाद में सरकार के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी थी. लेकिन अब एक बार फिर से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों ने प्रदर्शन का फैसला करते हुए जनजागरण अभियान शुरू किया है.
7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा वेतन की मांग को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अपना विरोध तेज कर दिया है. कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को 3.68 गुना करने और न्यूनतम वेतन को 26000 करने की मांग कर रहे हैं. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर कर्मचारियों ने ‘जन जागरण अभियान’ शुरू किया है, कर्मचारी 47 मांगों पर केंद्र सरकार की मंजूरी चाहते है.
‘जन जागरण अभियान’ के तहत भारतीय रेलवे कर्मचारी विभिन्न रेलवे कार्यालयों, स्टेशनों और अन्य स्थानों पर जाकर रेलवे के कामकाज को प्रभावित कर सकते हैं. कर्मचारियों ने पहले से ही घोषणा की है कि वे 11 दिसंबर से प्रदर्शन करेंगे. साथ ही कर्मचारी 3 दिसंबर से सभी उत्तरी रेलवे कार्यालय शाखाओं में भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.
7th Pay Commission: 7 वें वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों और संघ की ये मांगें हैं.
1- 7 वें सीपीसी की सिफारिशों के अनुसार कर्मचारियों को भत्ते मिलना चाहिए. सरकार को तुरंत बकाया भुगतान करना होगा.
2- माल गार्ड, सहायक लोको पायलट, लोको पायलट और गार्ड के वेतन और भत्ते को बढ़ाया जाना चाहिए.
3- ग्रेड 2 तकनीशियन पदों को ग्रेड 1 के साथ विलय किया जाना चाहिए और बेहतर वेतन दिया जाना चाहिए.
4. 4600 ग्रेड वेतन के तहत कर्मचारियों को 4800 ग्रेड वेतन दिया जाएं.
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