नई दिल्ली: केंद्रीय सरकार ने 7 पे कमीशन कर्मचारियों के लिए नई सूचान जारी की हैं। साल 2020 में डीए की दर 21 फीसदी होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण बदलाव होने की कोई गुंजाइश नहीं हैं। यानि की पहले की तरह ही 17 फीसदी की दर से ही महंगाई भत्ता दिया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने नोटिस जारी कर कह दिया हैं कि जून 2021 के बाद ही डीए 21 फीसदी करने पर विचार किया जाएगा।
सरकार के डीए की दर 21 फीसदी ना करने के पीछे का कारण कोरोना वायरस के कारण पैदा हुआ आर्थिक असंतुलन हैं। यदि सरकार डीए की दरों में बदलाव करती तो इसका सीधा फायदा केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनर को पहुंचता लेकिन सरकरा पर बोझ बढ़ जाता। इसका मतलब हैं कि महंगाई भत्ता 17 फीसदी की दर से ही दिया जाएगा।
सरकार ने नोटिस जारी कर डीए की दर में बदलाव करने का कार्य जून 2021 पर टाल दिया हैं। वहीं जून 2021 में डीए की दर में कितना व क्या बदलाव होगा। इस पर फैसला केंद्र सरकार के मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार केंद्र कर्मचारियों व पेंशनर का इंतजार ओर बढ़ गया हैं।
2020 में डीए 21 फीसदी ना बढ़ने का असर केंद्र कर्मचारियों व पेंशनर पर पड़ेगा। जानकारी के लिए बता दें की करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी व 55 लाख के करीब पेंशनर को पुरानी दर 17 फीसदी से ही डीए दिया जाएगा। इस प्रकार कोरोना वायरस ने केंद्रीय कर्मचारी व पेंशनर के लिए मुशिकल खड़ी कर दी हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट की मानें तो हर 2 साल में केंद्रीय कर्मचारी व पेंशनर का महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता हैं। अंतिम महंगाई भत्ता 2019 में 5 फीसदी बढ़ा था यानि की 12 से 17 हो गया था लेकिन साल 2020 से लेकर जून 2021 तक डीए 17 फीसदी ही रहेगा।
महंगाई भत्ता दर 2020 में ना बढ़ने का नोटिस केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल 2020 को जारी कर दिया था। वैसे तो डीए की दर 21 फीसदी जून से पहले ही बढ़ने वाला था लेकिन कोरोना के कारण डीए बढ़ने का निर्णय केंद्र सरकार ने जून 2021 तक टाल दिया।
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