7th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन बढ़ोत्तरी की राह देख रहे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है. खबरों के अनुसार केंद्रीय सरकार ने संशोधित 7वें वेतन आयोग के आधार पर मांगें मानने से इंकार कर दिया है. सरकार के इस फैसले के कारण केंद्रीय कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को संशोधित 7 वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन मिलने की संभावनाओं को बड़ा झटका लगा है. केंद्रीय सरकार ने 7वें वेतन आयोग में 2.57 गुना वृद्धि की सिफारिश की गई थी. लेकिन कर्मचारी 3.68 गुना वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने कर्मचारी संगठनों की इन मांगों को मानने से इंकार कर दिया है. माना जा रहा था कि 3.68 गुना वृद्धि के अनुसार न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये हो जाता. देश में लगभग 48.41 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 61.17 लाख पेंशनभोगी हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा 7 वीं वेतन आयोग के अनुसार वेतन की घोषणा के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदों को भी बल मिला था. 4 दिन पहले एमपी सरकार ने इसके हिसाब से वेतन वृद्धि की घोषणा की था. शिवराज सिंह सरकार ने 1 जनवरी, 2016 से इस वेतन वृद्धि का ऐलान किया था. एमपी सरकार अपने कर्मचारियों को 32 महीने के बकाया भी देगी. इसके अलावा त्रिपुरा, महाराष्ट्र और यूपी जैसे राज्यों ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया है.
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने जा रहा है, इसलिए सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की खबर ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की उम्मीदें जगाई हैं. लेकिन 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव ने चलते केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि उन्हें भी आम चुनाव से पहले संशोधित सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिल सकता है.
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