7th Pay Commission: महाराष्ट्र सरकार ने सातवें वेतनमान के तहत राज्य के सरकारी कर्मचारियों के अप्रैल महीने की सैलरी एक ही किस्त में देने का फैसला किया है. मालूम हो कि पहले कहा जा रहा था कि सरकार कर्मचारियों की अप्रैल महीने की सैलरी दो किस्त में देने का विचार कर रही है. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारियों के बजट पर असर नहीं पड़ेगा.
7th Pay Commission: कोरोना संकट के बीच इन महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत बंपर फायदा मिलेगा. दरअसल महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत अप्रैल महीने की सैलरी एक ही किस्त में दी जाएगा. राज्य सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी दो किस्त में देने के बजाय एक ही किस्त में देने के फैसला किया गया है. इस संबंध में सरकार की तरफ से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है. इससे पहले सरकार ने राज्य के कर्मचारियों की मार्च महीने की सैलरी एक ही किस्त में जारी कर दी थी. मालूम हो कि कोरोना संकट के चलते सरकार के वित्तीय कोष में काफी कमी आई है. इसी वजह कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार अप्रैल महीने की सैलरी 2 किस्तों में दे सकती है.
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सरकारी कर्मचारियों के मार्च महीने की सैलरी की दूसरी किस्त और अप्रैल महीने की पहली किस्त एक साथ देने पर विचार किया जा रहा था. लेकिन अब सरकार ने फैसला किया है कि अप्रैल महीने की सैलरी एक किस्त में दी जाएगी. उद्धव ठाकरे सरकार ने प्रेस रिलीज ने कहा है कि अलग-अलग किस्त बनाने के चलते प्रशासनिक मशीनरी और खजाने पर प्रत्येक 15 दिन में पे चेक जारी करने का बोझ पड़ रहा था ऐसे में अब वेतन एकबार में ही देने का फैसला किया गया है.
महाराष्ट्र सरकार ने कुछ सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में कटौती का भी फैसला किया है. सरकार ने क्लास वन और टू अधिकारियों के वेतन में 50 फीसदी जबकि क्लास थी के कर्मचारियों के वेतन में 25 फीसदी कटौती कर रही है. अन्य राज्यों में कोरोना संकट के चलते राजस्व पर पड़ रहे भार के चलते कर्मचारियों की सैलरी पर ऐसे ही फैसले लिए गए हैं. केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर भी डेढ़ साल के लिए रोक लगा दिया गया है.
हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के डियरेंस अलाउंस में चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से 21 फीसदी हो गया था. वहीं कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. अबतक देशभर में इस बीमारी के 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके है और 718 लोगों की मौत हो चुकी है.